नशे के खात्मे के लिए अपनी कलाकारी और प्रतिभा से युवाओं को जागरूक करें हिमाचल के कलाकार।

0
71

हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे शांतिप्रिय प्रदेश और देव भूमि हिमाचल कहा जाता है, जहां बिना किसी दंगे,आपसी भाईचारे,और देव भूमि के नाम से जाना जाता है जिस प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों को जिलों में विभिन्न देवी देवताओं और ऋषि मुनियों का वास बताया जाता है।तो वहीं हिमाचल प्रदेश एक शान्ति प्रिय प्रदेश के लिए भी जाना जाता है,परन्तु आज के परिप्रेक्ष्य में हिमाचल प्रदेश आज उस शान्ति को कही ना कही खोता जा रहा,जिसका मुख्यता कारण है युवाओं और बच्चों में नशे का चलन जिसके कारण आज एकलौते घरों के चिराग बुझ रहे हैं तो वहीं हंसी खुशी परिवार में मानों मातम सा छा गया है तो वहीं नशें के कारण चौरी डकैती भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है, हिमाचल प्रदेश में आलम यह हो गया है कि नशे को रोकने के मानों हिमाचल पुलिस की विभिन्न योजनाएं और कड़ा रुख मानों कम पड़ गया हो, जिसमें पुलिस द्वारा अनेकों नशेड़ियों और नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का भी भरपूर प्रयास किया जा रहा है,जो नशा हमारे हिमाचल प्रदेश को मानों मौत के मुहाने तक पहुंचा चुका है,जिस नशे के खिलाफ अगर सरकार और पुलिस प्रशासन समय रहते लगाम नहीं लगाती है तो निसंदेह हिमाचल प्रदेश की शान्ति प्रिय व्यवस्था और समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती और समस्या बनती जाएगी, तो इसी परिप्रेक्ष्य में आज हम हिमाचल प्रदेश के उन तमाम प्रतिभाशाली कलाकारों से निवेदन करेंगे जिनकी अद्भुत कलाकारी से मानों दुनिया नाचने और गाने के लिए मजबूर हो जाती है और आज के परिप्रेक्ष्य में युवाओं का कलाकारों के मनोरंजन और अदाकारी के प्रति खासी दिलचस्पी और पसंदीदा क्षेत्र माना जाता है, इसलिए आज हिमाचल प्रदेश के उन तमाम कलाकारों से निवेदन और आग्रह रहेगा कि अपने संगीत और अदाकारी से समय-समय पर नशे से दूर रहने और नशें के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने के लिए युवाओं और बच्चों को जागरूक करने का प्रयास करें ताकि आपका एक छोट सा प्रयास किसी ना किसी घरो का चिराग बुझ जाने से आपकी कलाकारी सफल हो जाएं, क्योंकि आज हम सभी हिमाचल वासी कलाकारों को प्रदेश,देश व विश्व में ख़ास पसन्द भी करतें हैं और उनकी कालाकारी के दिवाने भी लाखों करोड़ों के पार है।हिमाचल प्रदेश में बहुत से अभिनेता और कलाकार हैं जिन्होंने अपनी अदाकारी व कलाकारी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान प्रदेश व देश में स्थापित की है जैसे मुख्यतः कुलदीप शर्मा,अजय चौहान, हंसराज रघुवंशी, रघुवीर ठाकुर, जगदीश शर्मा, दलीप सिरमौरी इत्यादि अनेकों कलाकार ऐसे हैं जिन्होंने कला के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान क़ायम की है तो वहीं इन सभी का भी एक नैतिक कर्तव्य और दायित्व बनता है कि हम हिमाचल के मूल निवासी होने के नाते हिमाचल प्रदेश को अपने अपने स्तर से नशे के बढ़ते चलन को कैसे रोका जाएं। इस पर अपने संगीत से पिरोने का प्रयास करना होगा, तो वहीं विभिन्न कला मंचों से दर्शकों से नशा ना करने की शपथ भी दिलवानी चाहिए तो वहीं नशे से दूर रहने और नशें के दुष्प्रभावों से भी कलाकारी और अदाकारी से जागरूक और सचेत करने का प्रयास करना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश को फिर से शान्तिप्रिय और नशे से दूर किया जा सकें ऐसी हम हिमाचल प्रदेश के कलाकारों से निवेदन और आग्रह करते हैं। हिमाचल प्रदेश में आएं दिन समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर ख़बरें प्रकाशित होती है कि आज इस क्षेत्र में युवाओं व नशे के सौदागरों से इतना गांजा, चरस भांग हेरोइन,अफ़ीम, पीके, शराब इत्यादि पकड़ी गई तो वहीं दूसरे दिन फिर से नशे करने वाले और सौदागरों की फिर अखवारो कि सुर्खियां बन जाती है,आखिर कब रूकेगा यह मौत का मंजर ,आज हम सभी प्रदेशों वासियों और समाज को जागृत और गंभीर होने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में समक्ष सभी किसी न किसी रूप से नशे के खिलाफ जंग मिलकर लड़े,जिसकी शुरुआत हमें अपने घरों से करनी होगी तभी संभव है कि हम अन्य व्यक्तियों और समाज को भी जाग्रत करने में कामयाब हो पाएं, इसी परिप्रेक्ष्य में आज पुनः हिमाचल प्रदेश के कलाकारों से निवेदन और आग्रह रहेगा कि अपने संगीत और अदाकारी के माध्यम से नशे से दूर रहने और नशें के खिलाफ अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास करें।
*स्वतन्त्र लेखक-हेमराज राणा सिरमौर*