सिरमौर जिला के धौलाकुआं में किसानों का सात दिवसीय विशिष्ट प्रशिक्षण का समापन

0
3

धौलाकुआं में क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र में मधुमक्खी पालकों के लिए 7 दिवसीय विशिष्ट प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया

साप्ताहिक प्रशिक्षण के समापन पर डॉ. एसएस पल्लियाल
ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.उन्होंने किसानों को मधुमक्खी पालन में प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया और साथ ही किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी भी की गई. इस दौरान मधुमक्खी पालन की किट और भागीदारी प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए
इस मौके पर सह-निदेशक क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, धौलाकुआं डॉ. प्रियंका ठाकुर और सभी स्टाफ सदस्यों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों और अनुसंधान केंद्र के कर्मचारियों की ओर से सभी किसानों और विशेषज्ञों का इस सफल आयोजन के लिए आभार जताया.
डा. प्रियंका ठाकुर ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन डॉ. रोहित नायक ने किसानों को किसानों को मधुमक्खी पालन की बुनियादी बातों और मधुमक्खी पालन के व्यावहारिक पहलुओं से परिचित कराया. दूसरे दिन उन्हें मधुमक्खियों के प्रकार, व्यवहार और रानी मधुमक्खी उत्पादन को उद्यम के रूप में समझाया गया
तीसरे दिन किसानों को एक्सपोजर विजिट और वैज्ञानिकों के व्याख्यान के लिए नौणी विश्वविद्यालय ले जाया गया, जहां उन्हें विशेषज्ञों (मीना ठाकुर, डॉ. दीपिका और डॉ. वीजीएस चंदेल) ने बीमारियों की जानकारी, विभिन्न मौसमों में मधुमक्खियों के प्रबंधन और उसके व्यावहारिक पहलुओं से परिचित कराया.
चौथे दिन अनुसंधान केंद्र, धौलाकुआं में डॉ. प्रियंका ठाकुर और डॉ. संजीव कुमार सान्याल ने किसानों को विभिन्न ब्लॉकों का परिचनात्मक दौरा कराया, जहां उन्हें विभिन्न प्रकार के फलों और फूलों के पौधों के बारे में बताया गया, जो मधुमक्खी वनस्पति के रूप में कार्य करते हैं.
पांचवें दिन डॉ. राजकुमार ठाकुर (प्रधान वैज्ञानिक, सेवानिवृत्त) ने मधुमक्खी पालन उपकरणों, परागण पारिस्थितिकी और संरक्षण पहलुओं के बारे में बताया.
आयुर्वेद विभाग सिरमौर से डॉ. भरत ने शहद और स्वास्थ्य पहलुओं में इसके उपयोग के बारे में बताया और बागवानी विभाग से डॉ. अमित बख्शी ने मधुमक्खी पालन के लिए किसानों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई
डॉ. संजीव कुमार सान्याल ने मधुमक्खियों और बीफलोरा की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपायों के बारे में बताया और बीफलोरा के प्रसार के लिए विधियों की जानकारी दी. छठे दिन किसानों को आईडीबीसी रामनगर, हरियाणा का एक्सपोजर विजिट कराया गया, जहां डॉ. अमित यादव ने उन्हें शहद उत्पादन, भंडारण, शुद्धिकरण आदि के विभिन्न प्रबंधन पहलुओं से परिचित कराया गया.