हाईकोर्ट ने हाटी छात्रा को दिया झटका जनजाति सर्टिफिकेट के बिना नही कर सकते नोकरी के लिए आवेदन

2
10443

ट्रांसगिरी की एक छात्रा ने खुद को हाटी बताकर कोर्ट से गुहार लगाई थी की वह सरकार को जनजाति प्रमाणपत्र देने के आदेश जारी करे,जिस पर इनकार करते हुए कोर्ट ने उसे सामान्य वर्ग से एप्लाई करने को कहा है।

अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र की मांग करने वाली ट्रांसगिरी क्षेत्र के सामान्य श्रेणी उम्मीदवार बनोर निवासी रेणु चौहान को हाईकोर्ट ने झटका दिया है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसे शास्त्री पद के लिए अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार के तौर पर आवेदन करने की अनुमति प्रदान की जाए लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और उसे आगामी आदेश तक सामान्य श्रेणी से आवेदन करने को कहा है।

कोर्ट का यह आदेश ऐसे समय आया है जब हाटी जनजाति आरक्षण को लेकर ट्रांसगिरी में हाहाकार मचा है।

प्रार्थी ने शास्त्री पद के लिए होने जा रही बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया में उसे अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार के तौर पर मान्यता दिलवाने की मांग की थी।

कोर्ट ने प्रार्थी के आवेदन पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि हाईकोर्ट में गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति ने पहले ही संबंधित क्षेत्र को गलत तरीके से अनूसूचित जनजाति दर्जा दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की है,जो अभी बिचाराधीन है।

इस याचिका को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने फिलहाल प्रार्थी को सामान्य श्रेणी के अंतर्गत ही काउंसलिंग में भाग लेने की इजाजत दी है।

प्रार्थी ने कोर्ट मे याचिका लगाई है कि सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के बावजूद उसे अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है।

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रार्थी की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश जारी किए।

मामले के अनुसार शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने हेतु बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। प्रार्थी का कहना था कि जिस क्षेत्र से वह संबंध रखती है उसे केंद्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे दिया है।

इसके बावजूद सरकार द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है। सरकार की इस लापरवाही से वह आरक्षण का लाभ नहीं ले पा रही है।

प्रार्थी ने आरक्षित वर्ग के पद के लिए उसे कंसीडर करने की गुहार लगाई थी जिसे नकारते हुए कोर्ट ने इसी मुद्दे को लेकर अनूसूचित जाति अधिकार समिति की याचिका के मद्देनजर उसे सामान्य श्रेणी में काउंसलिंग के लिए कंसीडर करने के आदेश दिए।

कोर्ट ने प्रार्थी के परिणाम को आगामी आदेशों तक घोषित न करने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने मामले में बनाए सभी 6 प्रतिवादियों को अगली सुनवाई तक याचिका का जवाब दायर करने के आदेश भी दिए।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर 2022 में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को आदिवासी दर्जा देने की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 4 अगस्त 2023 को जारी अधिसूचना के तहत ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर दिया था।

इस आरक्षण के खिलाफ ट्रांसगिरी अनुसूचित जाति सरंक्षण समिति ने केंद्र द्वारा पारित उस कानून को चेलेंज किया है। दलित समुदाय का कहना है कि इस क्षेत्र मे कोई हाटी नाम की जातियां नही रहती है। केंद्र सरकार वोट बैंक के खातिर जिन लोगों को कथित हाटी बता रही है,वास्तव में वो राजपूत है।

समिति ने कोर्ट में ट्रांसगिरी के भू-दस्तावेज पेश किए है जिसमें उस क्षेत्र मे रहने वाले लोगो की जातियां दर्ज है। उन दस्तावेजो में हाटी कोई जाति नही है।

दलित संगठन ने कोर्ट से कहा है कि ट्रांसगिरी मे कोई जनजाति न होने के कारण केंद्रीय सरकार इस मामले को तीन बार रिजेक्ट कर चुकी है फिर अचानक वहां जनजाति कहां से आ गए,उन्होंने कोर्ट से मामले की दोबारा जांच करने की मांग की है।

2 COMMENTS

  1. Visit the official Telegram website, choose the appropriate operating system such as Windows, macOS, Android, iOS, etc., and download the application. Enjoy seamless communication across devices with Telegram’s secure and fast messaging features, including text, voice calls, and file sharing, all backed by end-to-end encryption for enhanced privacy.Telegram官网

  2. potato软件是一款功能强大的中文聊天工具,专为全球用户设计,支持快速下载和安装。无论您是个人用户还是企业客户,土豆软件都能提供流畅的聊天体验,满足多种通讯需求。访问官网,获取最新版本的土豆软件,并了解更多中文界面功能和安装指南。轻松连接朋友、同事,提升您的沟通效率。Potato中文

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here