लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि आगामी वित्तीय वर्ष में 500 किलोमीटर नई सडक़ों का निर्माण शुरू होगा।
इसमें 300 किलोमीटर लंबी सडक़ें नाबार्ड और 200 किलोमीटर सडक़ें विशेष कोर विकास कार्यक्रम, ग्रामीण सडक़ और मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत बनाई जाएंगी।
केंद्रीय सडक़ और अवसंरचना कोष योजना के तहत 50 किलोमीटर सडक़ों का उन्नयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2025-26 के दौरान 50 पुलों और 35 नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में सडक़ नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने पीएमजीएसवाई-3 के अंर्तगत 2000 किलोमीटर सडक़ों का उन्नयन किया जाएगा। उन्होंने कहा 679 किलोमीटर सडक़ें एफडीआर और 468 किलोमीटर सडक़ें सीटीबी के तहत बनाई जाएंगी और अन्य सडक़ें पारंपरिक तकनीक से बनाई जाएंगी।
पीएमजीएसवाई-चार योजना के तहत 900 किलोमीटर सडक़ों की डीपीआर तैयार की जानी प्रस्तावित है, जिनका निर्माण पीएमजीएसवाई-एक के तहत पहले ही शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 में 625 किलोमीटर नई सडक़ों पर टारिंग का कार्य शुरू किया जाएगा। इनमें से 425 किलोमीटर सडक़ें नाबार्ड और 200 किलोमीटर सडक़ें विशेष क्षेत्र विकास, केंद्रीय सडक़ और अवसंरचना कोष और मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत तैयार की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, वार्षिक मरम्मत योजना के तहत 1800 किलोमीटर सडक़ों की मरम्मत एवं नवीनीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत 10 लाख वर्ग मीटर पैच वर्क किया जाएगा, जिससे 3500 किलोमीटर सडक़ें गड्डामुक्त हो जाएंगी। शहरी विकास विभाग के तहत 2025-26 में अनेक नई योजना क्रियान्वित की जाएंगी।
नए साल में शहरी निकायों में बनेंगे पार्क और पार्किंग
लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि दूरस्थ शहरी स्थानीय निकायों में पार्क और पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त लोगों की समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए शिविर आयोजित किए जाएंगे । उन्होंने कहा कि मनरेगा की तर्ज पर मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त लोगों की भागीदारी और सामुदायिक कल्याण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शहरी समृद्धि उत्सव (एनयूएलएम) शीघ्र ही आरंभ किया जाएगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा। अमृत (एएमआरयूटी) के तहत जलापूर्ति, सिवरेज, ग्रीन स्पेस और पार्क एवं जन निकायों का पुनरूद्धार किया जाएगा। इन परियोजनाओं पर 84.28 करोड़ रुपए व्यय करने की योजना है।