केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में पेश बजट में कई बड़ी घोषणाएं कीं। जानिए कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, आयकरदाताओं के लिए बजट में क्या मिला।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इस दाैरान उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं कीं। *हालांकि, आम बजट 2025-26 में हिमाचल प्रदेश के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं हुई है लेकिन राष्ट्रीय स्तर की घोषणाओं का राज्य को लाभ जरूर होगा। वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब का एलान करते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्ग देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।* नई कर व्यवस्था के अंतर्गत 12 लाख तक की आय (अर्थात विशिष्ट दर आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर 1 लाख प्रतिमाह की औसत आय) पर कोई आय कर देय नहीं होगा। वेतनभोगी कर दाताओं के लिए यह सीमा 75,000 की मानक कटौती के कारण 12.75 लाख होगी। सभी कर दाताओं को लाभान्वित करने के लिए सभी श्रेणियों में कर स्लैब और दरों में परिवर्तन किए जा रहे हैं। यह नई संरचना मध्यम वर्ग के करों को काफी कम करेगी और घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उनके पास अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। 12 लाख तक की आय वाले करदाताओं के लिए (विशिष्ट आय दर को छोड़कर) स्लैब दर में कटौती के कारण होने वाले लाभ के अलावा कर में छूट इस ढंग से प्रदान की जा रही है कि उनके द्वारा कर का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
fहिमाचल में करीब साढ़े छह लाख करदाता हैं। नई कर व्यवस्था में 12 लाख की आय वाले करदाता को कर में 80,000 (पुरानी कर दरों के अनुसार उसके देय कर का 100 फीसदी) का लाभ होगा। 18 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को कर में 70,000 (पुरानी कर दरों के अनुसार देय कर का 30 फीसदी)का लाभ होगा। 25 लाख की आय वाले व्यक्ति को 1,10,000 (पुरानी कर दरों के अनुसार उसके देय कर का 25%) का लाभ होगा। टीडीएस की दरों और सीमाओं की संख्या कम कर उसे तर्क संगत बनाया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दो गुणा बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जा रही है। किराये पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये की गई। प्रदेश के 1.10 लाख कर्मचारियों व करीब 40 हजार पेंशनरों को नई आयकर स्लैब का लाभ मिलेगा। हालांकि, हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार से कई मांगें बजट में शामिल करने के लिए की गई थीं। इसमें वर्ष 2023 में राज्य में बाढ़ और बादल फटने के रूप में आई आपदा के लिए लंबित राहत पैकेज जारी करने की मांग प्रमुख थी, लेकिन इसमें राज्य को निराशा ही हाथ लगी है।
ये रहेगा आयकर का स्लैब
0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं।
4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत
8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत
12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत
16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत
20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत
24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत
7.7 करोड़ किसानों को अल्पकालिक लोन की सुविधा मिलेगी
किसान क्रेडिट कार्डों (केसीसी) से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पकालिक ऋणों की सुविधा मिलती है। संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी जाएगी। यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए हमारी सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन पुनः प्रारंभ किया है। यूरिया की आपूर्ति और अधिक बढ़ाने के लिए नामरूप, असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसी तरह सब्जियों और फलों के लिए सरकार आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही राज्य सरकारों के साथ मिलकर योजनाएं बनाई जाएंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा।
*पर्यटन के लिए ये घोषणाएं*
ई उड़ान योजना के तहत 120 नए स्थानों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और अगले 10 वर्ष में चार करोड़ यात्रियों की मदद करने पर जोर दिया जाएगा। पहाड़ी व नॉर्थ ईस्ट रीजन में कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाया दिया जाएगा। देश में शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को राज्यों की भागीदारी से चैलेंज मोड माध्यम से विकसित किया जाएगा। महत्वपूर्ण अवसंरचना के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था राज्यों की ओर से की जाएगी। उन स्थलों के होटलों को अवसंरचना में शामिल किया जाएगा। रोजगार प्रेरित विकास को सुगम बनाने के लिए उपाय किए जाएंगे। इसमें आतिथ्य प्रबंधन संस्थानों सहित युवाओं के लिए गहन कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन, होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्रदान करना, पर्यटन स्थलों में यात्रा की सुगमता और संपर्क में सुधार करना, पर्यटकों के लिए सुख-सुविधाएं, स्वच्छता और विपणन संबंधी प्रयासों सहित प्रभावी पर्यटन स्थल प्रबंधन के लिए राज्यों को निष्पादन संबद्ध प्रोत्साहन प्रदान करना व कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीजा शुल्क छूट के साथ ई-वीजा की सुविधाओं को सुव्यवस्थित करना शामिल हैं।
औषधि-दवाओं के आयात पर राहत
केंद्रीय बजट में रोगियों, विशेष रूप से, कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों से पीड़ित रोगियों को राहत देने के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट प्राप्त दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। 6 जीवनरक्षक दवाओं को 5 फीसदी के रियायती सीमा शुल्क वाली दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। पूर्ण छूट और रियायती शुल्क उपर्युक्त के निर्माताओं के लिए थोक औषधियों पर भी इसी प्रकार लागू होंगे। औषध कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत विशिष्ट औषधियां और दवाएं बीसीडी से पूरी तरह छूट प्राप्त हैं, बशर्ते कि दवाओं की आपूर्ति रोगियों को निःशुल्क की जाएं। 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ 37 अन्य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव है।
सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र
केंद्र सरकार ने दस वर्षों में लगभग 1.1 लाख स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा सीटों को जोड़ा है और यह 130 प्रतिशत की वृद्धि है। अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटों को जोड़ने के लक्ष्य की दिशा में आगामी वर्ष में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी। सरकार अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्रों को स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे। अब कोबाल्ट पाउडर और लिथियम आयन बैटरी, पारा, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों के अपशिष्ट एवं अवशिष्ट पर पूरी तरह से छूट का प्रस्ताव है। इससे भारत में विनिर्माण के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा हमारे युवाओं के लिए और अधिक रोजगार को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। पूरी तरह से छूट प्राप्त वस्त्र मशीनरी की सूची में दो अन्य प्रकार के शटल रहित करघों को शामिल करने का प्रस्ताव है।
*बुने वस्त्रों पर बीसीडी दर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव*
नौ टैरिफ लाइनों द्वारा कवर किए गए बुने वस्त्रों पर 10 फीसदी अथवा 20 फीसदी के बीसीडी दर को संशोधित कर 20 फीसदी अथवा 115 रुपये प्रति किलोग्राम, जो भी अधिक हो करने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले (आईएफडीपी) पर बीसीडी को 10 से बढ़ाकर 20 फीसदी करने और ओपन सेल तथा अन्य घटकों पर बीसीडी को कम करके 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इलेक्ट्रिक वाहनों के बैटरी के विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को छूट प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों दोनों के लिए लिथियम आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। जलपोतों के विनिर्माण के लिए कच्चे माल, घटकों, उपभोज्यों अथवा पुर्जों पर अगले दस वर्षों तक बीसीडी से छूट जारी रखने का प्रस्ताव है।
*राज्यों को 50 वर्ष के ब्याजमुक्त ऋण के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव*
सरकारी निजी भागीदारी में तीन वर्षीय पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए अवसंरचना संबंधी मंत्रालय बनाए जाएंगे। राज्यों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। सुधारों के लिए पूंजी व्यय और प्रोत्साहन के लिए राज्यों को 50 वर्ष के ब्याजमुक्त ऋण के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है। वहीं शुल्क मुक्त वस्तुओं की सूची में नौ और वस्तुएं शामिल की गई हैं। वेट ब्लू लेदर पर बुनियादी सीमा शुल्क में पूर्ण छूट दी गई है।
*फुटवियर और लेदर क्षेत्र में 22 लाख को मिलेगा रोजगार*
भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार दिलाने, चार लाख करोड़ का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात सुगम बनाने के लिए फोकस उत्पाद स्कीम की घोषणा की गई है। अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। क्रश लेदर को 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव है।
*पांच लाख रुपये तक सस्ते लोन से किसानों को फायदा : कश्यप*
लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का बजट है। यह हर भारतीय के सपनों को पूरा करने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति आने पर हमें लिक्विडिटी के काम के बारे में पता चलेगा, लेकिन किसानों की लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए केसीसी में सस्ते कर्ज की सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है। एमएसएमई को आसानी से पैसा मिल सके, इसके लिए प्रावधान किए गए हैं। एमएसएमई को भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिले, इसके लिए उनकी एमएसएमई सीमा भी बढ़ाई गई है। इसके साथ ही स्टार्टअप, इनोवेशन और नई तकनीक के लिए भी प्रावधान किए गए हैं, इससे स्वाभाविक रूप से लिक्विडिटी बढ़ेगी और अलग-अलग क्षेत्रों में गरीबों के लिए ऋण की सुविधा बढ़ेगी। एमएसएमई क्षेत्र को क्रेडिट गारंटी कवर को दोगुना करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे स्टार्ट-अप और विनिर्माण केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा।
*बजट पर पूर्व आर्थिक सलाहकार प्रदीप चौहान ने की ये टिप्पणी*
केंद्रीय बजट हर क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। निवेश और उपभोग को विशेष स्थान दिया गया है। एक रुपये के निवेश से जीडीपी में 2 से 3 गुणा बढ़ोतरी होगी। यह प्रदेश के हित में है। उत्पादन केंद्र के कारण उद्योग क्षेत्र में निवेश का बहुत बड़ा फायदा होगा, जिसमें रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। एमएसएमई में निजी निवेश बढ़ेगा। कृषि क्षेत्र में निवेश के साधन बढ़ेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन से पांच लाख बढ़ाए जाने से छोटे और मझोले किसानों को बहुत बड़ा लाभ होगा। हिमाचल प्रदेश में वेतन-पेंशनभोगियों की बड़ी संख्या है। आयकर छूट की सीमा 12 लाख रुपये करने से हिमाचल प्रदेश के लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से फायदा होगा, क्योंकि खर्च करने के लिए लोगों के पास धन अधिक होगा, जिससे प्रदेश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होगी। – *प्रदीप चौहान, सेवानिवृत्त आर्थिक सलाहकार, हिमाचल प्रदेश सरकार।*