डम्परो के ताण्डव से आम जन परेशान। अधिकारी चाट रहे मलाई। जनता त्रस्त

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शहर में रात आठ बजे बाद डम्परो से होने वाले ताण्डव से आम जन परेशान है। और प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही या नीति बनाने में नाकामयाब साबित हो रहा है।

आए दिन घटनाए और दुर्घटनाऐ हो रही है। किन्तु प्रशासन के लोग चिरनिद्रा में लीन है। बीते रोज तकरीबन 12 घन्टे तक राष्ट्रीय राजमार्ग बन्द रहा बहराल के पास एक टाइल्स से लदा हुआ ओवरलोडेड यानि कि अतिरिक्त भार लिए ट्रक पलट गया जिससे 12 घन्टे तक राष्ट्रीय राजमार्ग बन्द रहा। देर रात्रि को एक अन्य डम्पर बाता नदी में समा गया। वह भी तीव्र गति से दौड रहा था।
देखने में तो यह भी आ रहा है कि अब लोगो ने अपने रिश्तेदारो को जो कि पडोसी राज्यो में रहते है हिमाचल में आने को मना कर रखा है यह भी बोल दिया है कि शाम 7 बजे तक आ जाया करो अन्यथा यहां पर प्रशासन नामक कोई चीज ही नही है प्रशासन के लोग मलाई चाटने में व्यस्त है डम्परो का आतंक रहता है यहां तक कि डम्पर चालक एम्बूलेन्स तक को साइड नही देते है । डम्पर लोगो के घरो तक में घुस जाते है कई हादसे हो रखे है अर्थात पांवटा में आने से गुरेेज करे।
प्रशासन की चुप्पी और नाकामी के कारण हिमाचल प्रदेश के पर्यटन पर भारी असर पड रहा है जिससे सरकार का और व्यापारियो का नुकसान हो रहा है। देर रात्रि को लोगो ने घर से निकलना बन्द कर दिया है।
यह भी गौर रहे कि इन बाहरी राज्य के डम्पर मालिको एवं क्रशर मालिको द्धारा सरकार को करोडो रूपयै का चूना लगाया जा रहा है एक एक डम्पर का बिल मात्र और मात्र चार से पांच हजार रूपये का काटा जा रहा है और उसी के अनुसार सरकार को रायल्टी जमा करवाई जा रही है इस गोरखधन्धे में नीचे से उपर तक सभी की मिलीभगत है। कभी भी प्रशासनिक लोगो ने इनके बिल तक चैक नही किए है ओवर लोडिंग तो खुल्लेआम चल रही है। चहां चोर चोर मोसैरे भाई वाली कहावत भी चरितार्थ हो रही है। देखना होगा कि प्रशासन और सरकार कब कुम्भकरणी नीद से जागेगे।