डीजल के रेट बढऩे से ट्रांसपोर्टर्स को झटका; बस ऑपरेटर बोले; प्रतिदिन 500 रुपए बढ़ा खर्चा, टैक्सी ड्राइवर भी नाराज

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*हिमाचल प्रदेश में डीजल के रेट बढऩे से प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों व टैक्सी चालकों को बढ़ा झटका लगा है।*

*हिमाचल में डीजल तीन रुपए दो पैसे महंगा हो गया है। शिमला में डीजल 83.16 रुपए प्रति लीटर से अब 86.17 रुपए प्रति लीटर हो गया।*

इसी तरह प्रदेश भर में डीजल के दामों में भारी अंतर आया है। डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी का सीध असर ट्रांसपोर्टर्स व निजी बस ऑपरेटरों पर पड़ रहा है। निजी बस ऑपरेटर्ज यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि डीजल में हुई सीधे तीन रुपए की बढ़ोतरी से प्रतिदिन प्रति बस 500 रुपए का घाटा और बढ़ गया है, जबकि निजी बस ऑपरेटर्ज पहले से ही घाटा झेल रहे हैंं। निजी बस ऑपरेटर्ज यूूनियन के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि यदि निजी बस ऑपरेटर्ज की एक लांग रूट पर चलने वाली बस प्रतिदिन 200 लीटर डीजल खप्त करती है, तो तीन रुपए लीटर बढ़ोतरी के साथ करीब 600 रुपए प्रतिदिन घाटा होगा, जिससे बस ऑपरेटरों को अपनी जेब से भरना होगा। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा बढ़ाए गए वैट को लेकर जल्द ही निजी बस ऑपरेटर्ज संघ का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री से मिलेगा और बस ऑपरेटरों की परेशानी का बताएगा वहीं बढ़ रहा घाटे की जानकारी देगा और वैट को कम करने की मांग की जाएगी। डीजल बढ़ोतरी के बाद डीजल वाहनों के किराए भाड़े में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे खाद्य पदार्थों के दामों पर भी असर पड़ेगा।

सरकार से वैट कम करने की उठाई मांग
ऑल हिमाचल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि डीजल पर वैट बढऩे से प्रदेश के हजारों टैक्सी चालकों को नुकसान उठाना पड़़ेगा। उनका कहना है कि कोरोना से हुए नुकसान से टैक्सी चालक अभी उभरे ही थे, कि सरकार ने टैक्सी चालकों को एक और जख्म दे दिया है। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि डीजल पर बढ़ाए गए वेट को कम किया जाए, ताकि प्रदेश के हजारों टैक्सी चालकों को इससे राहत मिल सके।

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