मेले में पहुंच रहे भारी संख्या में श्रद्धालु
सितंबर उनके साथ यहां आई थी। उनकी (गुलियानी) : माता बाला सुंदरी दुकान त्रिलोकपुर में पीपल के वृक्ष के मंदिर त्रिलोकपुर में नवरात्रों के मेले में नीचे हुआ करती थी। उन्होंने देवबन्द भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर माथा से लाया तमाम नमक दुकान में डाल टेक रहे है। मंदिर के पुजारी एवं दिया और बेचते गए मगर नमक खत्म
नारायणगढ़, 30 एडवोकेट रितेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि नमक की बोरी में त्रिलोकपुर आई थी मां बाला सुंदरी। यहां पर लोग हजारों की संख्या में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तरप्रदेश से टोलियों में मां भगवती की भेंट गाते हुए आते त हैं। उन्होंने बताया कि इस पावन स्थली पर माता साक्षात रूप में विराजमान है और यहां पर मांगी क गई हर मनोकामना जरूर पूरी जिला सहारनपुर न मुज्जफरनगर के देवबन्द स्थान से ग नमक की बोरी में त्रिलोकपुर आई ६, त्रिलोकपुर में नमक का व्यापार करते थे, उनके नमक की बोरी में माता
हो होती है। महामाई उत्तरप्रदेश के त्रिलोकपुर मंदिर में पूजा अर्चना करते पुजारी मां ने अपने भक्त की पुकार सुन से एवं एडवोकेट रितेश गुप्ता (छाया: गुलियानी) ली और उस समय सिरमौर के
होने में नहीं आया। पीपल के वृक्ष के नीचे पिण्डी रूप में स्थापित हो गई थी स्वपन में दर्शन देकर भवन निर्माण की थी। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज मां लाला जी उस पीपल के वृक्ष को र लाला रामदास जो सदियों पहले हर रोज सुबह जल देकर उसकी पूजा करते थे। उन्होंने नमक बेचकर बहुत पैसा कमाया। लेकिन वह एक दिन
चिन्ता में पड़ गए कि नमक खत्म क्यों नहीं हो रहा। मां ने खुश होकर रात को लाला जी के सपने में आकर दर्शन दिए और कहा कि मैं तुम्हारे भक्तिभाव से अति खुश हूं, मैं यहां पीपल के वृक्ष के नीचे पिण्डी रूप में स्थापित हो गई हूं और तुम मेरा यहां पर भवन बनावाओ, लाला जी को अब भवन निर्माण की चिन्ता सताने लगी। उसने फिर माता की अराधना की और उनसे कहा कि इतने बड़े भवन निमार्ण के लिए मेरे पास सुविधाओं व पैसे की कमी है। आपसे एक विनती है कि आप सिरमौर के महाराजा को भवन निर्माण का आदेश दे। राजा प्रदीप प्रकाश को सोते समय का आदेश दिया। यहां हर नवरात्रों में मेला लगता है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होकर माता की किरपा प्राप्त करते है।