*मंडी में नाबालिग को अगवा करके उससे दुष्कर्म करने के दोषी को अदालत ने 20 साल के कठोर कारावास और 1,05,000 रुपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।*
*हिमाचल प्रदेश के मंडी में नाबालिग को अगवा करके उससे दुष्कर्म करने के दोषी को अदालत ने 20 साल के कठोर कारावास और 1,05,000 रुपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।*
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) की फास्ट ट्रैक विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म का अभियोग साबित होने पर दोषी को भादंसं की धारा 376 (3), 363 और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत क्रमश: बीस साल, पांच साल और बीस साल के कठोर कारावास और पचास, पांच और पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह तक का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। उप जिला न्यायवादी नवीना राही ने बताया कि 28 मार्च 2018 को पीड़िता के माता-पिता ने पुलिस थाना में आकर शिकायत लिखवाई थी।
उनके अनुसार पीड़िता सहेली के साथ मेला देखने गई थी। मेला देखने के बाद सहेली का भाई उसे कार में बिठा कर ले गया और कार में दुष्कर्म किया। पीड़िता ने इस बारे में किसी को नहीं बताया। इस बीच उसे उसे उल्टी और पेट दर्द हुआ तो उसे अस्पताल में चेकअप कराया गया। यहां पता चला कि पीड़िता गर्भवती है। इस पर पीड़िता ने घटना के बारे में परिजनों को बताया। पुलिस ने मामला दर्ज करवा कर आरोपी के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी चानन सिंह ने 29 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर दोषी पर अभियोग साबित किया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से छोषी के खिलाफ नाबालिग का अगवा करके उससे दुष्कर्म करने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। इसके चलते अदालत ने कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।