अधिकारियों पर भी लगाए आरोप; पूछा, क्या कार्रवाई करेंगे मुख्यमंत्री
तपोवन के विधानसभा सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नियम-67 में चर्चा के अंत में विपक्ष की ओर से अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि एक कंपनी पर इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही है।
इसमें पत्र भी घूम रहा है, जिस पर सीएम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि कबाड़ मामले में भी उचित कार्रवाई की जाए व इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाए। इसमें उन्होंने कबाड़ मंत्रालय तक बनाने की बात कही। पूर्व सीएम ने कहा कि स्कूलों के स्मार्ट क्लास रूम में एलईडी लगनी चाहिए थी, वहां प्रोजेक्टर लगाए जा रहे हैं। 68 करोड़ के प्रोजेक्ट को दो पार्ट में दिया गया, जिसमें नामी कंपनी को छोडक़र अन्य कंपनी को नियमों को ताक पर रखकर काम दिया गया। स्कूली मेधावियों को नई कंपनी के माध्यम से टैबलेट करोड़ों रुपए के टेंडर नियमों को ताक पर रखकर दिए गए। नेता विपक्ष ने सदन में पूछा कि जमीन घोटाले में 400 प्रतिशत की बढ़ोतरी कैसे हुई? एक्साइज पॉलिसी को कोविड-19 के दौर में किसी भी हाल में सामान्य हालातों के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।
ब्यास नदी में बाढ़ के दौरान रात को रेत-बजरी उठाकर कौन ले गए? जयराम ने कहा कि डायरेक्टर हैल्थ सर्विस ऐसे व्यक्ति लगाए गए हैं, जो ओडीए में है। उन्होंने ग्रीन एनर्जी में सीएम सुक्खू को अधिकारियों के दिए आंकड़ों पर अधिक न जाने की बात करते हुए कोस्ट में 32 से 35 मेगावाट के डबल दाम पर सवाल उठाए। उन्होंने जश्न में 25 करोड़ खर्च होने के आरोप लगाते हुए कहा कि रैली में महिलाएं कुछ भी काम न होने की बातें कहती रही। समोसे की जांच करवा दी, जंगली मुर्गे मेन्यू के साथ वीडियो भी सामने आई। इस पर मारने, खाने व परोसने वालों पर एफआईआर करनी चाहिए थी, जबकि खबरें लगाने वालों पर किस आधार पर कार्रवाई हुई?
संलिप्तता नहीं, तो भ्रष्टाचार के आरोप पर खामोशी कैसी
धर्मशाला — नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एक जारी बयान में कहा कि सुक्खू सरकार पर लगातार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। भ्रष्टाचार के इस खेल में मुख्यमंत्री कार्यालय भी घरे में आ रहा है। इसलिए हर दिन भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर सरकार द्वारा आरोपों पर सख्ती से कार्रवाई करने के बजाय भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया जाता है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक के बाद घोटाले के आरोप सरकार पर लग रहे हैं और सरकार उस कार्रवाई करने के बजाय इधर-उधर की बाते कर रही है। अगर ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की संलिप्तता नहीं हैं तो आरोपों की जांच क्यों नहीं करवाई जाती। मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई?