पहली शिक्षक माँ प्रशिक्षण शिक्षण में माताओं ने दिखाई प्रतिभा

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शिक्षा खंड माजरा में पहली शिक्षक मां कार्यक्रम के तहत माताओ के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यशाला का मुख्य उदेश्य पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में नामांकित बच्चों की माताओं को इस आयुवर्ग के बच्चों के साथ विभिन्न विकास क्षेत्रों से अवगत करवाना था। ताकि माताएं घर पर अपने बच्चों के साथ इन गतिविधियों को करवाए और बच्चों के सर्वागीण विकास में मददगार बन सके। इस कार्यशाला में शिक्षा खण्ड माजरा के अन्तर्गत आने वाली प्रत्येक पूर्व प्राथमिक पाठशालाओ की 34 स्कूलों की 4 – 4 माताओं ने इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया।

बी आर सी सी अजय गुप्ता ने बताया की बच्चों के लिए माताओं की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने आधुनिक समय में बढ़ते मोबाइल फोन के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए माताओं से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों की मोबाइल स्क्रीन टाइम पर ध्यान दें, क्योंकि इससे बच्चों की शिक्षा और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है।

गतिविधियों में माताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी
कार्यशाला के दौरान बी आर सी सी अजय गुप्ता ने दो दिवसीय गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को समझाने के लिए माताओं को विभिन्न आयामों से अवगत कराया गया। इस दौरान विकास की विभिन्न शिक्षण गतिविधियां करवाई गईं, जिनमें माताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम में उपस्थित माताओं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यदि ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाएं, तो उनकी विद्यालय में रुचि बढ़ेगी और शिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
प्रथम फाउंडेशन के जिला coordinator बबली पुंडीर ने इस कार्यशाला मे स्त्रोत व्यक्ति के रूप मे कार्य किया।
उन्होंने शारीरिक विकास व मानसिक विकास की बहुत सी गतिविधियां माताओ से करवाई।
यह कार्यशाला प्रदेश सरकार की पहले शिक्षक मां योजना को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। इससे न केवल माताओं की भागीदारी बढ़ेगी बल्कि विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता को भी बल मिलेगा।