पाँवटा साहिब में श्री गुरु रविदास कमेटी की ओर से श्री गुरु रविदास महाराज की 648वीं जयंती के उपलक्ष्य में विशाल नगर कीर्तन का आयोजन कई जगह किया गया। नगर कीर्तन गुरु रविदास जयंती पाँवटा के मुख्य बाजार, वाल्मीकि चौक, वाई प्वाइंट बद्रीपुर चौक से अन्य स्थलों से होकर वापस देवीनगर मंदिर में समाप्त हुआ।
नगर कीर्तन में व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए लोगों ने नगर कीर्तन में भाग लेकर श्री गुरु रविदास की महिमा का गुणगान किया। श्री गुरु रविदास के शब्द में पायो जी मैं तो नाम रतन धन पायो, करम बंधन में बंध रहियो फल की ना तज्जियो आस, बहुत जन्म बिछड़े थे माधो सहित शब्दों का गुणगान किया गया। बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 12 फरवरी को मनाया गया
संत रविदास का जन्म वाराणसी के पास एक गांव में हुआ था। वे न केवल एक आध्यात्मिक गुरु थे, बल्कि समाज में समानता और प्रेम का संदेश देने वाले महान समाज सुधारक भी थे। संत रविदास को लोग अलग-अलग नामों से जानते हैं, जैसे कि गुरु रविदास, रैदास, और रोहिदास। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से समाज को बिना भेदभाव के प्रेम और एकता की सीख दी, जिसके कारण वे भक्ति मार्ग के प्रमुख संतों में गिने जाते हैं। इस बारे में श्री गुरु रविदास पंचायत कमेटी के प्रधान भाल चंद ने बताया कि श्री गुरु रविदास मंदिरों में हवन यज्ञ , पवित्र निशान साहिब के बाद अटूट भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर प्रधान सेवाराम, सुशील कुमार, राहुल, नरेश कुमार, गौरव ,तुषार ,विकास कुमार आदि मौजूद रहे