महिला तहसीलदार की मनमानी, डीसी और हाई कोर्ट को नजरअंदाज कर नीलाम की करोड़ों की जमीन; FIR दर्ज

0
78

राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश भर में पटवारियों और तहसीलदारों पर सवाल उठ रहे हैं। फिर भी ऐसे मामले रुक नहीं रहे। ताजा मामले में बड़खल तहसीलदार नेहा सारण समेत 4 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी और साजिश का मामला दर्ज किया है। इन सभी पर आरोप है कि एनआईटी स्थित औद्योगिक क्षेत्र के करोड़ों रुपये के प्लॉट की मिलीभगत कर गलत तरीके से नीलामी कर दी। असली मालिक की जगह दूसरे व्यक्ति के नाम से नीलामी कर दी गई। पुलिस ने तहसीलदार और पेंट कंपनी के मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के निदेशक उद्यमी अमरजीत सिंह चावला ने पुलिस को इस मामले में शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि एनआईटी स्थित औद्योगिक क्षेत्र के प्लॉट नंबर 38ए का स्वामित्व मेसर्स यूनिक स्प्रिंग के पास था। उन्हें मासिक किराए के आधार पर कंपनी को किराए पर दिया गया था। मेसर्स फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड ने परिसर को छोड़ दिया और संपत्ति को मेसर्स मेहर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को किराए पर दे दिया गया।

आवेदक कंपनी फ्रेंड्स ऑटो इंडिया जो उसे समय किराएदार थी उसका नवभारत पेंट्स के साथ कुछ लेनदेन था। इस वजह से नवभारत पेंट्स और उनकी कंपनी के बीच मुकदमे शुरू हो गए। मेसर्स फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू की गई। वसूली की कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर को भेजी गई। कंपनी ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने वसूली की कार्रवाई पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने उन्हें अपनी शिकायत के लिए सक्षम कोर्ट जाने को कहा।

हाईकोर्ट के आदेश को किया नजरअंदाज
पीड़ित उद्यमी ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट में आपत्ति लंबित होने के बावजूद तहसीलदार बड़खल नेहा सारण ने दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के साथ मिलीभगत करके पटवारी अजरौंदा को प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी की नीलामी के लिए नोटिस जारी कर दिया। इसमें नीलामी की तारीख हाथ से निकल गई। इसे लेकर तत्कालीन तहसीलदार बड़खल और जिला कलेक्टर के कार्यालय से संपर्क किया गया। तहसीलदार को विधिवत सूचित किया गया कि आपत्तियां पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं। मामला आगे बढ़ाने की संभावना है। 29 जुलाई 2024 को तहसीलदार बड़खल को लेटर विधिवत प्राप्त हुआ। डीसी ने तहसीलदार को आदेश दिए थे कि हाई कोर्ट ने 21 मई 2024 की अनुपालन में आगे की कार्रवाई की जाए, लेकिन तहसीलदार ने आदेश को नजर अंदाज कर दिया। प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में 2 अगस्त 2024 को फिर से नीलामी तय कर दी।

तहसीलदार को सूचना देने के बाद भी मनमानी
शिकायकर्ता का आरोप है कि मेसर्स यूनिक स्प्रिंग इंडिया के मालिक ने तहसीलदार बड़खल को एक पत्र भी दिया कि वह संपत्ति का मालिक है। इसकी नीलामी नहीं की जा सकती। बावजूद इसके तहसीलदार ने मनमानी की। आखिर में मेसर्स यूनिक स्प्रिंग ने तहसीलदार बड़खल की अवैध गतिविधियों को लेकर सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बाद में पता चला कि संपत्ति प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी की नीलामी की है, नकि प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद की। यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र के एनआईटी को नोटिस जारी किए गए थे। तहसीलदार बड़खल और अन्य अधिकारी प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी के परिसर में आए और प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी की। लेकिन कोर्ट को सूचित किया गया कि प्लॉट नंबर 38-ए औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद की नीलामी की गई है।

लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी रिकॉर्ड तैयार किए गए
उद्यमी का आरोप है कि तहसीलदार बड़खल ने आरोपी व्यक्तियों के साथ मिली भगत कर कुछ विशेष लाभ लेने के इरादे से नोटिस बदल दिया। प्लॉट नंबर 38 औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के फर्जी नीलामी रिकॉर्ड तैयार किए हैं। तहसीलदार बड़खल ने जानकारी और डीसी के आदेश के बावजूद सबसे पहले तो प्लॉट नंबर 38-ए से औद्योगिक क्षेत्र एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में नीलामी की कार्रवाई नहीं रोकी। यह भी संज्ञान में आया कि ना तो कोई बोली राशि तय की गई ना ही नीलामी का प्रकाशन किया गया, खरीदार राकेश दीवान से 2 अगस्त 2024 से पहले कोई राशि प्राप्त नहीं हुई थी।