हिमाचल में नौकरी का इंतजार कर रहे 3234 करुणामूलकों के भविष्य पर फैसला दस जनवरी को होगा। तमाम विभागों ने करुणामूलक आश्रितों के आवेदनों का डाटा एकत्र करना शुरू कर दिया है।
जलशक्ति, शिक्षा, वन, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य सभी विभाग करुणामूलक आश्रितों की यह रिपोर्ट दस जनवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपने वाले हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दिन करुणामूलकों के लिए पॉलिसी बनाने के तहत मीटिंग तय की है। इस दौरान सभी विभागों को करुणामूलकों के आवेदनों और खाली पदों की जानकारी भी प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह फैसला मत्रिमंडल स्तरीय उपसमिति की सिफारिश के बाद किया है। अब ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में करुणामूलकों के लिए राज्य सरकार कोई बड़ा फैसला कर सकती है। इस बीच करुणामूलक आधार पर जिन आवेदकों के केस रिजेक्ट हो गए थे। वह भी विभागीय कार्यालयों के चक्कर काटने शुरू कर चुके हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अनुकंपा नियुक्तियों के मामलों के गहन अध्ययन के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यादविंदर गोमा इस उपसमिति के सदस्य हैं। इस समिति ने करुणामूलकों से बातचीत करने और उनकी समस्याओं को जानने के बाद बीते 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग का आयोजन किया था। इस मीटिंग में उपसमिति की ओर से प्रस्तुत की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री ने तमाम विभागों से करुणामूलकों के आवेदनों और खाली पदों के संबंध में जानकारी तलब की। इस रिपोर्ट को लेकर सभी विभागाध्यक्षों को दस जनवरी को अगली मीटिंग में मौजूद रहने के आदेश जारी किए गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 10 जनवरी की इस मीटिंग में करुणामूलक आश्रितों पर ठोस फैसला ले सकते हैं। करुणामूलकों की भर्ती प्रक्रिया पर बीते करीब पांच सालों से ब्रेक लगी है। आखिरी बार सात मार्च, 2019 को भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई थी, जबकि उसके बाद से अब तक करुणामूलक आश्रितों के पद नहीं भरे जा सके हैं। करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने राज्य सरकार से आह्वान किया है कि वे जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया को आयोजित करे, ताकि करुणामूलक आश्रितों को इसका लाभ मिल सके।
शीतकालीन सत्र के दौरान उठाई थी मांग
करुणामूलक अपनी भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार के मंत्रियों और उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं। बीते दिनों विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भी करुणामूलकों ने उनकी भर्ती शुरू करवाने की बात राज्य सरकार तक पहुंचाई थी। करुणामूलक उपसमिति के अध्यक्ष शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को भी इस बारे ज्ञापन सौंप चुके हैं।