विश्व साक्षरता दिवस हर साल दुनियाभर में 8 सितंबर को मनाया जाता है।

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इस दिन साक्षरता के महत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साक्षरता का मतलब शिक्षित होने की क्षमता होती है, जिससे व्यक्ति समाज में अधिक सकारात्मक योगदान कर सके। यह दिन साक्षरता को बढ़ावा देने, अनपढ़ता को कम करने और शिक्षा के महत्व को जागरूक करने का मंच है। साक्षरता के माध्यम से ही समाज में सामाजिक और आर्थिक विकास संभव होता है।

साक्षरता से लोग न सिर्फ खुद को बल्कि अपने परिवार और समाज को भी उन्नति की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। शिक्षित व्यक्ति समाज के सभी क्षेत्रों में योगदान कर सकता है और उसके पास समाज को सुधारने की शक्ति होती है। विश्व साक्षरता दिवस का संदेश है कि हमें सभी को समान शिक्षा का अधिकार होना चाहिए और हमें साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। साक्षरता के बिना विकास संभव नहीं है, इसलिए हमें सभी को मिलकर साक्षरता को बढ़ावा देने का प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

प्रत्येक समाज की प्रगति और उन्नति क एक महत्वपूर्ण स्तम्भ शिक्षा होती है। शिक्षित और साक्षर व्यक्ति ही समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और उन्नति की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। विश्व साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य साक्षरता को प्रोत्साहित करना और शिक्षा के महत्व को जागरूक करना है।

साक्षरता का मतलब व्यक्ति की विभिन्न योग्यताओं के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त होना है। यह न केवल अक्षरों की पहचान होती है, बल्कि यह व्यक्ति को उसके अधिकार और कर्तव्यों की भी जानकारी प्रदान करती है। साक्षरता के बिना व्यक्ति न केवल अपने अधिकारों की अवगति नहीं कर पाता, बल्कि समाज के उन्नति में भी योगदान नहीं कर सकता।

*कैसे मनाया जाता है विश्व साक्षरता दिवस*
विश्व साक्षरता दिवस का आयोजन विभिन्न शिक्षा संगठनों, सरकारी अधिकारियों और समाज के विभिन्न सेक्टरों द्वारा किया जाता है। इस दिन शिक्षा से जुड़े कई कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शिक्षा के महत्व और साक्षरता के लाभों पर चर्चा की जाती है। इन कार्यक्रमों में विभिन्न विषयों पर चर्चा होती है जैसे कि शिक्षा के उन्नत तंत्र, शिक्षा के नए दिशानिर्देश, शिक्षा में तकनीकी उन्नति आदि।

*साक्षरता का महत्त्व*
साक्षरता का महत्व सिर्फ व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास में ही नहीं, बल्कि समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी होता है। शिक्षित व्यक्ति समाज में अधिक जागरूक, सकारात्मक और समर्पित भागीदार बनते हैं। उन्हें न केवल खुद की समृद्धि की पर्याप्त जानकारी होती है, बल्कि उन्हें अपने समाज के मुद्दों के प्रति भी जागरूकता होती है और वे समाज में सुधार के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं।

विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर हमें यह याद दिलाना चाहिए कि शिक्षा हमारे समाज की मुख्य धारा का हिस्सा होने के साथ-साथ, यह हमारे व्यक्तिगत विकास की भी कुंजी है। हमें एक समर्पित प्रयास के माध्यम से साक्षरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि हम समाज को सकारात्मक दिशा में नेतृत्व प्रदान कर सकें।

अनपढ़ता समाज की एक महत्वपूर्ण समस्या है जिसका समाधान साक्षरता के माध्यम से ही संभव है। साक्षरता के बिना अनपढ़त लोग समाज में निम्न वर्ग के काम करने के मजबूर होते हैं और उन्हें उच्चतम शिक्षा और व्यावसायिक विकल्पों का अधिकार नहीं होता। इससे उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में रुकावट आती है।

शिक्षित समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। शिक्षित लोग समाज में अधिक सक्रिय भागीदारी करते हैं, उच्च शिक्षा प्राप्त करके उन्नति की दिशा में आगे बढ़ते हैं और नई विचारधारा को प्रोत्साहित करते हैं।

शिक्षा का अधिकार सभी को होना चाहिए, चाहे वो किसी भी जाति, धर्म, लिंग, या आर्थिक परिस्थितियों से जुड़े हों। साक्षरता के बिना कोई भी समाज पूरी तरह से उन्नत नहीं हो सकता।

निष्कर्ष

इस विश्व साक्षरता दिवस पर, हमें यह सोचने का मौका मिलता है कि हम कैसे अपने समाज में साक्षरता को बढ़ावा दे सकते हैं। हमें अपने क्षेत्र में शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ाना चाहिए, अनपढ़ता को कम करने के उपाय ढूंढने चाहिए और शिक्षा के अधिकार की प्रतिष्ठा करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

साक्षरता एक शक्ति है जो हमें अधिक समृद्ध, समाजवादी और विकसित समाज की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकती है। विश्व साक्षरता दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा का महत्व सिर्फ पढ़ाई-लिखाई में ही नहीं, बल्कि समाज के सभी क्षेत्रों में है और हमें इसे प्रमोट करने का प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

*विश्व साक्षरता दिवस पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं*

विश्व साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य साक्षरता को प्रोत्साहित करना और शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना होता है।
साक्षरता व्यक्ति की विकास और समाज की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यह दिन समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का माध्यम बनता है।
साक्षरता के माध्यम से व्यक्ति न केवल अपने व्यक्तिगत विकास में बल्कि समाज में भी योगदान करता है।
शिक्षित समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और उसके लोग समृद्धि की दिशा में अग्रसर होते हैं।
विश्व साक्षरता दिवस के दौरान विभिन्न कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं जिनमें शिक्षा के महत्व पर चर्चा होती है।
इस दिन को मनाकर हम यह संदेश देते हैं कि हमें साक्षरता को बढ़ावा देने का संकल्प है।
साक्षरता के माध्यम से ही हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और उन्नति की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर हमें शिक्षा के महत्व को समझने और साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

*विश्व साक्षरता दिवस से जुड़े कुछ तथ्य*
क्या आप जानते हैं 1990 के एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि भारत को सार्वभौमिक साक्षरता हासिल करने में 2060 तक का समय लगेगा? ऐसे ही अन्य तथ्य नीचे बताये जा रहे हैं –

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस यूनेस्को द्वारा वर्ष 1965 में 7 नवंबर को तय किया गया था
यह दिवस पहली बार वर्ष 1966 में 8 सितंबर को मनाया गया था
यूनेस्को द्वारा एकत्रित आँकड़ों के अनुसार विश्व की लगभग 84 प्रतिशत जनसंख्या साक्षर है
आज की तारीख में, दुनिया भर में 250 मिलियन बच्चे ठीक से पढ़-लिख नहीं सकते हैं

दुनिया के 775 मिलियन निरक्षर वयस्कों में से लगभग तीन-चौथाई दस देशों में पाए जाते हैं: भारत, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, इथियोपिया, मिस्र, ब्राजील, इंडोनेशिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
यूनेस्को की ‘सभी देशों के लिए शिक्षा पर वैश्विक निगरानी रिपोर्ट’ रिपोर्ट के अनुसार बुर्किना फासो (12.8 प्रतिशत), नाइजर (14.4 प्रतिशत) और माली (19 प्रतिशत) में साक्षरता दर सबसे कम है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2015 का विषय साक्षरता और सतत समाज है

संयुक्त राष्ट्र के विश्लेषण के अनुसार, पाँच में से एक वयस्क निरक्षर है; 75 मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं और कई बच्चे अनियमित रूप से स्कूल जाते हैं या स्कूल छोड़ देते हैं।

विश्व साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है?

विश्व साक्षरता दिवस का मुख्य उद्देश्य साक्षरता को प्रोत्साहित करना और शिक्षा के महत्व को जागरूक करना होता है। इस दिन के माध्यम से समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है और शिक्षित समाज की बढ़ती हुई महत्वपूर्णता को प्रमोट किया जाता है।

साक्षरता क्यों महत्वपूर्ण है?
साक्षरता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को न केवल व्यक्तिगत विकास में मदद करती है, बल्कि उसे समाज में योगदान करने की क्षमता प्रदान करती है। शिक्षित व्यक्ति समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं और समाज के विकास में सहायक साबित हो सकते हैं।

विश्व साक्षरता दिवस कैसे मनाया जाता है?
विश्व साक्षरता दिवस के दौरान विभिन्न शिक्षा संगठनों, सरकारी अधिकारियों, विद्यालयों, और समाज के विभिन्न सेक्टरों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम शिक्षा के महत्व पर चर्चा करने, साक्षरता को बढ़ावा देने, और शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचारविमर्श करने का मंच प्रदान करते हैं।

साक्षरता के अभियान और पहल क्या हैं?
विश्व भर में कई देशों ने साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अभियान और पहल चलाए हैं। “सर्व शिक्षा अभियान” (Sarva Shiksha Abhiyan) भारत में साक्षरता और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति के लिए चलाया जाने वाला एक बड़ा अभियान है।

साक्षरता के लिए कौन-कौन से उपाय हैं?
साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए उपायों में शिक्षा के उच्चतम स्तर तक पहुंचने की प्राथमिकता, विद्यालयों की अधिक संख्या की सुनिश्चित करने, शिक्षा के लिए सहायक योजनाओं की शुरुआत करने, और गरीबों और सामाजिक रूप से पिछड़े हुए वर्गों को साक्षरता के लिए प्रोत्साहित करने शामिल हैं।

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