आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें मेरा गाँव मेरा देश एक सहारा संस्था व भूतपूर्व सैनिक संगठन पाँटा साहिब व शिलाई के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए
वही माजरा स्कूल का नाम शहीद राजेश वर्मा स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय माजरा रखने के लिए सरकार व प्रशासन से अपील की गई
अमर शहीद राजेश वर्मा का जन्म जिला सिरमौर के गांव माजरा में 5 नंबर 1979 को माता श्रीमती आनंद रानी पिता श्री नरेंद्र कुमार के घर में हुआ उनके दो भाई हैं अमर शहीद राजेश वर्मा की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माजरा से हुई तथा वह हॉकी खेल में भी रुचि रखते थे ।
इसके उपरांत भारतीय सेना की फर्स्ट पैरा कमांडो में सेवारत हुए सेवा काल के दौरान 2002 में उन्होंने अदम्य साहस व वीरता को दिखाते हुए आतंकवादियों की मुठभेड़ के दौरान कई आतंकवादियों को मार गिराया
अमर शहीद राजेश वर्मा की वीरता को देखते हुए भारतीय सेना ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया
2003 में उनकी शादी राखी वर्मा से हुई प्रभु की कृपा से उनके घर में पुत्री तमन्ना व पुत्र लक्ष्य ने जन्म लिया उनका पारिवारिक जीवन आनंद से चल रहा था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था देश के लिए आपका प्रेम सदा सर्वोपरि रहा भारतीय सेना के ऑपरेशन में अपने सदैव अग्रणी पंक्ति में हिस्सा लिया 29 अप्रैल 2012 को ऑपरेशन रक्षक के दौरान एक विशेष ऑपरेशन में राजेश वर्मा ने देश प्रेम के लिए अपने आज का बलिदान कर दिया
भारतीय सेना के गौरव में इतिहास में अमर शहीद राजेश वर्मा का नाम सदैव स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा आने वाले युग युगांतरों की पीढ़ियां अमर शहीद राजेश वर्मा के सर्वोच्च बलिदान को नमन करेंगी।
मेरा गाँव मेरा देश एक सहारा संस्था प्रशासन व सरकार से अमर शहीद राजेश वर्मा का देश प्रति बलिदान को नमन करते हुए माजरा स्कूल का नाम शहीद राजेश वर्मा स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माजरा करने के लिए अपील करती है ।
इस मौके पर शहीद राजेश वर्मा, शौर्य चक्र की धर्मपत्नी राखी वर्मा तथा भूतपूर्व सैनिक संगठन पाँवटा-शिलाई से अध्यक्ष करनैल सिंह, उपाध्यक्ष नरेन्द्र ठुंडू, कोषाध्यक्ष तरुण गुरंग, दिनेश ठुंडू, निर्मल सिंह व मेरा गांव मेरा देश एक सहारा संस्था निदेशक अनुराग गुप्ता व अध्यक्षा पुष्पा खंडुजा एवं अन्य सदस्य तथा शिव कांवड़ समिति माजरा से नीरज बंसल और कई स्थानीय गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उपस्थित सभी लोगों ने शहीद राजेश वर्मा, शौर्य चक्र के स्मृति स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।