श्रीकृष्ण और राधा का हुआ था विवाह? ब्रज का यह मंदिर है गवाह

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भगवान श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कहानी को सभी जानते हैं, कहा जाता है कि उनका कभी मिलन नहीं हुआ था। मगर ब्रज के भांडीरवन में स्थित एक मंदिर इस बात का गवाह है कि कृष्ण और राधा ने विवाह किया था।

श्रीकृष्ण और राधा का हुआ था विवाह? ब्रज का यह मंदिर है गवाह

द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में धरती पर अवतार लिया था। कृष्ण और राधा के प्रेम कहानी को कौन नहीं जानता। कृष्ण के बिना राधा अधूरी हैं, तो राधा बिन कृष्ण। कृष्ण को राधा से अलग नहीं किया जा सकता। जहां कृष्ण का नाम आता है, वहां राधा को भी याद किया जाता है। कृष्ण का बचपन गोकुल में बीता था। बृज का हर कोना आज भी राधा और कृष्ण के प्रेम की गाथा को जिन्दा रखे हुए है। कहते हैं कि श्रीकृष्ण और राधा के बीच इतना गहरा प्रेम था फिर भी दोनों का मिलन नहीं हुआ। हालांकि, कुछ पौराणिक मान्यता ऐसी भी है जिसमें कृष्ण और राधा के विवाह का जिक्र है। बृज में ही भांडीरवन नाम की एक जगह इस बात की गवाह है कि कृष्ण और राधा का विवाह हुआ था।

भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूर मांट तहसील में स्थित भांडीरवन में एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में श्रीकृष्ण और राधा की मूर्ति है। खास बात यह है कि इस मूर्ति में श्रीकृष्ण के हाथों में बांसुरी नहीं। बल्कि कृष्ण और राधा दूल्हा-दुल्हन का वेश धारण किए हुए हैं और ब्रह्माजी उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं।

क्या श्रीकृष्ण और राधा का वाकई में विवाह हुआ था?

ब्रह्मवैवर्त पुराण और गर्ग संहिता में राधा और कृष्ण के विवाह का जिक्र मिलता है। इसके मुताबिक खुद जगद्गुरु ब्रह्मा ने राधा और कृष्ण की शादी कराई थी। इस कथा के मुताबिक जब कृष्ण छोटे थे, तब नंद बाबा उन्हें गायें चराने के लिए साथ ले गए थे। गायें चर रही थीं और नंदबाबा थक गए, इसलिए वह एक पेड़ के नीचे लेट गए और उनकी आंख लग गई। कुछ देर बाद उनकी आंखें खुली तो सूरज ढल चुका था और चारों तरफ अंधेरा हो गया था। नंदबाबा डर गए।

तभी उन्हें दूर से एक रोशनी दिखाई दी। एक गोपी उनकी ओर बढ़ रही थी। वो गोपी और कोई नहीं बल्कि राधा थीं। राधा ने देवी का रूप धारण किया था। नंदबाबा राधा को जानते थे इसलिए उन्होंने नन्हे कान्हा उसे सौंप दिया और कहा कि वह सही सलामत उसे घर ले जाकर यशोदा को दे दें। फिर नंदबाबा अपनी गायों को लेकर वहां से चले गए। राधा ने नन्हे कान्हा को प्यार से गाल पर चूमा। तभी एक चमत्कार हुआ और राधा की गोदी से नन्हे कान्हा गायब हो गए।
[04/03, 6:26 pm] पुरुषार्थ ही देव है: कुछ ही पल में राधा के सामने कृष्ण भगवान के रूप में प्रकट हुए। उन्होंने राधा को अपने प्रेम का इजहार किया। राधा भी श्रीकृष्ण से प्रेम करती थीं। मगर वह कृष्ण को खोने से डरती थीं। श्रीकृष्ण ने राधा को थोड़ी दूर रुकने के लिए कहा। कुछ ही समय में जगद्गुरु ब्रह्मा वहां प्रकट हुए। उन्होंने मंत्रोच्चार किया और अग्निकुंड के साथ राधा और कृष्ण ने गंधर्व विवाह संपन्न किया। विवाह होने के बाद ब्रह्माजी चले गए और कृष्ण भी अपनी बाल्यावस्था में वापस आ गए