लोकसभा चुनाव में गिरिपार में समिति बिगाड़ सकती है किसी भी पार्टी का खेल
समिति राज्य में मौजूद कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों से दूरी बना कर जल्दी ही कोई बड़ा फैसला लेंगी
गिरिपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति जिला सिरमौर की जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें समिति ने अनेक मुद्दों पर सहमति बनाई।समिति के प्रधान अनिल मंगेट ने प्रेस को जारी ब्यान में बताया कि हाल ही में विधानसभा बजट सत्र जो 19 फ़रवरी 2024 तक चल रहा है, पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने लगभग 700 से ज्यादा प्रश्न विधानसभा में रखे जिसमे (SC, ST, BPL के आरक्षण को गैर-संवैधानिक तरीके से दरकिनार करने बारे कोई प्रश्न नही उठाया और SC के विकास हेतु (करोड़ों-अरबों) के धनराशि के दुरूपयोग करने बारे कोई प्रश्न नही उठाया एव SC, ST, पर हो रहे अत्याचार पर सत्र में कोई प्रश्न नही उठाया, यहाँ तक हमारी दो कॉलेज में पड़ने वाली बहनों छात्राओं ने जातिगत अत्याचार से तंग आकर आत्म- हत्या करने की कोशिस की गई। चौपाल क्षेत्र दवास गांव का प्रदीप कुमार जातिगत अत्याचार का शिकार होकर 16 महीने से IGMC में जिंदगी और मौत के बीच जूझ कर कौमा में पड़ा है। शामलात जमीन की बंदरबांट की बजह से सर ढ़कने हेतु छत नसीब नही हुआ एवं अनुसूचित जाति के लोगों के पास घर लगाने के लिए ज़मीन, भूमि नही। छात्र वृत्ति घोटाले के बारे में कोई प्रश्न नही उठाया। फीस न चुका पाने के कारण हमारे हजारों ग़रीब बच्चो का भविष्य ख़राब हुआ। अनुसूचित जाति आयोग निष्क्रिय हो चुका है। SC की कोई भी कही भी सुनवाई नहीं बड़े दुःख एव आहत मन के साथ कहना पड़ रहा है हमारे अनुसूचित जाति के कर्मचारी भी भेदभाव अत्याचार एव शोषण के शिकार हो रहे है। आगामी लोक सभा चुनाव में समिति राज्य में मौजूद कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों से दूरी बना कर जल्दी ही कोई बड़ा फैसला लेंगी।