सिरमौर पुलिस एक बार फिर सवालो के घेरे में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप IG को निर्देश पीड़ित के करें ब्यान दर्ज …

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सिरमौर पुलिस अधिकारियों पर एक बार फिर गंभीर आरोप सामने आए हैं। मानवाधिकार उल्लंघन मामले में आयोग ने आईजी आशुतोष को जांच और पीड़ित के ब्यान दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

मामला 12 अगस्त 2021 का है जब शादी के दूसरे ही दिन दुल्हन को पांवटा पुलिस की मदद से किडनैप किया गया था!
सखी राम निवासी झारखंड ने हिमाचल प्रदेश मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है जिसमें कहा गया है कि 12 अगस्त 2021 को उनके बेटे अमित कुमार की कानूनन पत्नी को उत्तर प्रदेश के एक थाना प्रभारी आकर अगवा कर ले जाते हैं पांवटा पुलिस की पीसीआर उनके साथ आती है। इस दौरान रात के 12:00 बजे उनके बेटे के साथ मारपीट की जाती है अधमरा कर उसे छोड़ दिया जाता है।

सिर्फ इतना ही नहीं अगले रोज जब अमित कुमार अपनी पत्नी के अगवा किए जाने की शिकायत लेकर थाना पहुंचते हैं तो उनकी शिकायत दो दिनों तक दर्ज नहीं की जाती जिसके बाद अमित कुमार एसपी सिरमौर से शिकायत दर्ज करने की गुहार लगाते हैं एसपी सिरमौर पांवटा थाना को निर्देश देते हैं कि जांच कर शिकायत दर्ज की जाए बावजूद इसके शिकायत दर्ज नहीं की जाती।
इसके बाद अमित कुमार पांवटा साहिब न्यायालय में शिकायत दर्ज करने की अपील करते हैं न्यायालय पुलिस से इस मामले की रिपोर्ट तलब करता है लेकिन पुलिस 6 महीनों तक कोर्ट में कोई रिपोर्ट पेश नहीं करती।

आज लगभग इस मामले को 1 वर्ष होने को आया है अमित कुमार की पत्नी रेनू को शादी के दूसरे ही दिन अगवा कर लिया गया था अगवा करने के बाद आज तक पता नहीं है कि वह जिंदा है या मार दी गई है।

क्यों हुई किडनैपिंग…

दरअसल अमित कुमार पांवटा साहिब की एक कम्पनी में कार्यरत थे। 6 वर्ष अफेयर के बाद अमित और रेनू ने 10 अगस्त 2021 को देहरादून कोर्ट में इंटर कास्ट मैरिज की थी अमित कुमार दलित समुदाय से है और रेनू ब्राह्मण जाति से है यही सबसे बड़ा अपराध इन दोनों का रहा। एक दूसरे से बेहद प्यार करने वाला यह जोड़ा महज 2 दिन ही साथ रह पाया था पांवटा साहिब के तारूवाला से अमित कुमार के साथ 12 तारीख की रात को दरवाजा तोड़ कर मारपीट की गई और रेनू को जबरन घर से उठाकर ले जाया गया। इस दौरान पांवटा पुलिस पीसीआर और कुछ जवान भी अधिकारियों के कहने पर आरोपियों के साथ आए थे।

अब इस मामले में हिमाचल प्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा शिकायतकर्ता सखी राम और पीड़ित अमित कुमार को आईजी आशुतोष के पास बयान दर्ज करने के लिए आदेश हुए हैं।

न्यायालय प्रक्रिया….

आपको बता दें कि इंटर कास्ट का यह मामला था इस पूरे मामले की शिकायत सुप्रीम कोर्ट में भी की गई जहां मामला लंबित है, हाई कोर्ट हिमाचल प्रदेश में भी की गई थी लेकिन बिना तथ्यों को समझे मामला डिसमिस कर दिया गया। वही पांवटा न्यायालय में भी शिकायत की गई है यहां पर भी पिछले 8 महीनों के करीब मामला लंबित पड़ा है।

वही अमित कुमार का कहना है कि उनकी शादी को अभी 2 दिन भी नहीं हुए थे और उनकी कानूनन पत्नी रेनू को पांवटा पुलिस की मदद से किडनैप कर लिया गया और जब मैं शिकायत करने के लिए पहुंचा तो मुझे कई दिनों तक पुलिस थाना के चक्कर कटवाए गए। आंखों में आंसू भर अमित बोले 8 महीने हो चुके हैं पांवटा न्यायालय में अपनी पत्नी को वापिस लाने के लिए और किडनैपिंग का मामला दर्ज करवाने के लिए अपील किए हुए लेकिन अब तक मामला दर्ज नहीं हो पाया है अब यह भी पता नहीं है कि उनकी पत्नी रेनू जिंदा है या मार दी गई है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील रामानंद बताते हैं कि पांवटा पुलिस न्यायालय कर्मचारियों द्वारा कोर्ट को भ्रमित किया गया पिछले 6 महीनों से लगातार माननीय जजों मैडम रिपोर्ट मांग रही हैं पहले पुलिस द्वारा रिपोर्ट नहीं दी गई है 6 महीने बाद पुलिस द्वारा दी गई रिपोर्ट ऑन रिकॉर्ड नहीं चढ़ाई गई। ऐसा लगता है यह एक बड़ी साजिश है जबकि इंटर कास्ट मैरिज में सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त आदेश देश की सभी न्यायलयों को दिए गए हैं।

फिलहाल मानव अधिकार आयोग हिमाचल प्रदेश द्वारा आईजी आशुतोष को शिकायतकर्ता और पीड़ित के बयान दर्ज करने के लिए कहा गया है।

इस पूरे मामले में हिमाचल प्रदेश मानव अधिकार आयोग पांवटा पुलिस के उन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है जिन्होंने इस पूरे मामले में इंटर कास्ट मैरिज करने वाले दो नवविवाहिता को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई वहीं अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए आज भी पीड़ित दर-दर की ठोकरें खा रहा है।

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