पांवटा के मिनि सचिवालय में गंदगी के आलम से होता है अभिनंदन वीआईपी लोग भी इसे नकारने में समझते है शान
स्वच्छ भारत मिशन भारत सरकार की ओर से जोरों शोरो पर चलाया जा रहा है। जिसका सरकार ने टैग लाईन भी दिया है-एक कदम स्वछता की ओर। नगर परिषद पांवटा साहिब के द्वारा भले ही सफाई के लिए विभिन्न कयासों दिनों दिन परचम पर क्यों फहराया गया हो। लेकिन बावजूद इसके पांवटा साहिब का मिनि सचिवालय गंदगी के आलम से अछूता नही रहा है। मिनि सचिवालय और कोर्ट परिसर में गंदगी के ढेर व गंदी नालिया आंगतुक का स्वागत करने में आॅखें बिछाए हुए है।
गनिमत तो यह है कि यहाॅ पर सभी लोग स्वयं को वीआईपी समझते पर गंदगी को साफ करने में कोई भी कयास लगाने में विफल है। लोगों ने बताया कि यह आम बात नही है, यहाॅ पर गंदगी का आलम हमेशा से देखा गया गया है। जिसके सुध लेेने शासन प्रशासन अपाहिज हमेशा देखने को मिलता है। मिनि सचिवालय के तले गंदगी होना दीपक तले अंधेरा।
बता दे कि स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, परन्तु श्स्वच्छ भारतश् का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने सम्बन्धी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट सन्देश दिया था।
स्वच्छ भारत का उद्देश्य व्यक्ति, क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है। स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तन्त्र को स्थापित करने की भी एक पहल सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगाँठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
भारत सरकार लगातार भारत को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयत्न कर रही है। कई कार्यक्रम भी चला रही है। भारतीय नागरिकों को जागरूक करने के लिए समय समय पर भारत सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं लाती रहती है। ऐसे ही भारत सरकार ने देश के गरीब परिवारों के लिए फ्री शौचालय योजना भी लाई है। जिसके अंतर्गत गरीब परिवार के ऐसे व्यक्ति जिनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। और वह शौचालय निर्माण नहीं करवा पा रहे हैं। उनके लिए भारत सरकार शौचालय अनुदान देखकर घर में शौचालय बनवाने में सहायता प्रदान कर रही है।