हिमाचल प्रदेश सरकार साइबर क्राइम को रोकने के लिए जीतने मर्जी प्रयास कर रही हो, लेकिन धरातल पर स्थिति बेहद खराब है। समाज में ऐसे ऐसे लोग भरे पड़े है, जो कानून का सरेआम मजाक उठाते है और कानून उनका कुछ नही कर पाता। वह लोग समाज की जानी मानी हस्तियों पर कोई भी बेहद अपमानजनक टिप्पणी कर देते है और गायब हो जाते है। पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन नही ले पाती। जिसके कारण अपराधियों के हौसले दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे है।
ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों फेसबुक पर देखने को मिला, जहां एक फेक फेसबुक अकाउंट से भीम आर्मी के संयोजक रवि कुमार दलित की तुलना माफिया अतीक अहमद से कर दी। जिस से रवि कुमार के समर्थको मे भारी रोष उत्पन्न हो गया है आपको बता दें कि यह पोस्ट “सही के समर्थन जिंदाबाद” नाम की फेसबुक प्रोफाइल से की गई है। पोस्ट करने वाले ने बकायदा लिखा है कि “ये दोनों मुझे same same लगते है Atiq vs Ravidalit”
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट के स्क्रीन शॉट वायरल हुए तो उक्त व्यक्ति फेसबुक प्रोफाइल को डिलीट करके गायब हो गया। जबकि रवि कुमार दलित के मुताबिक पोस्ट का लिंक https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0e17YHnGYJ5TyeXhgCTFFAykz5sVANvr8A9RnNnPYfWxb93fibA71wqM3uYeSzogHl&id=100084815431814&sfnsn=wiwspwa&mibextid=RUbZ1f था।
इस मामले में रवि कुमार दलित का कहना है कि हिमाचल में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आवाज उठाने वालों को जानबूझ कर प्रताड़ित करने के उद्देश्य से इस तरह की पोस्टें की जा रही है। ताकि जातिवादी मानसिकता के लोगों को कानून और संविधान का उल्लघंन करने की आजादी रहे।
आपको बता दें कि एससी एसटी एक्ट के मुताबिक किसी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति या नेता के खिलाफ ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना कानूनी तौर पर अपराध है। ऐसा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज होता है और उसको जेल भी हो सकती है।
इस मामले में अभी तक किसी तरह की कोई भी शिकायत दर्ज नही हुई है। लेकिन मामला बेहद संगीन है। ऐसे किसी की भी तुलना माफिया से करना उस व्यक्ति का अपमान है जिसके साथ तुलना की गई हो। अब देखना यह होगा कि हिमाचल पुलिस भीम आर्मी के संयोजक रवि कुमार दलित को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाती है। पुलिस आरोपी को ढूंढ कर गिरफ्तार करेगी या फिर हिमाचल में इस तरह के अपराध लगातार जारी रहेंगे।