गिरीपार संघर्ष समिति ने बांगरन पुल को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहां की एक छोटे से पुल पर एक करोड़ 36 लाख रुपये खर्च कर दिए गए इतने पैसों से एक नया पुल बनाया जा सकता था।
गिरी पार क्षेत्र को जोड़ने वाला एकमात्र बांगरण पुल आजकल सुर्खियों में है गिरी पार संघर्ष समिति के नाथूराम चौहान सहित कई लोगों ने आरोप लगाए हैं कि इस पुल में पूरी तरह से भ्रष्टाचार हुआ है एक करोड़ 36 लाख रुपए की लागत से रिपेयर से तैयार हुआ यह पुल संदेह के दायरे में है आखिर एक करोड़ 36 लाख रुपए पुल पर किस जगह खर्च किए गए हैं नाथूराम चौहान ने बताया कि एक करोड़ 36 लाख रुपए में ऐसा ही एक नया पुल बनकर तैयार हो सकता है गिरी पार संघर्ष समिति ने इस पूरे पुल में हुए भ्रष्टाचार पर जांच की मांग करते हुए कहा कि अधिकारी बताएं कि आखिर एक करोड़ 36 लाख रुपए कहां खर्च हो गए
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बता दें कि दिल्ली की एक कंपनी द्वारा सबसे पहले 1 महीने के लिए रिपेयर का समय मांगा गया था उसके बाद वह समय बढ़कर 2 महीने हुआ 3 महीने और फिर 6 महीने 6 दिन में इस पुल का काम पूरा किया गया सिर्फ इतना ही नहीं आरोप यह भी है कि कल जब हिमाचल प्रदेश मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा इसका शुभारंभ किया गया उसके बाद देर रात फिर से 40 से 60 टन वजनी ट्राले इस पुल पर चलने शुरू हो गए यह तय है कि अगर इस पुल पर 40 से 60 टन वजनी ट्राले गुजारे गए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
बता दें कि पीडब्ल्यूडी और प्रशासन पहले ही कह चुका है कि यह पुल केवल और केवल 10 टन वजन के लिए पास है इससे अधिक वजन इस पर से गुजारना खतरनाक हो सकता है ऐसे में नाथूराम चौहान ने धरना प्रदर्शन के दौरान कहा कि प्रशासन और विभाग यह तय करें कि अगर इस पुल पर कोई दुर्घटना होती है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।