हिमाचल प्रदेश में भी स्वास्थ्य विभाग का खाद्य सुरक्षा विंग में मसालों की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल उठा रहा है। इस कड़ी में जिला सिरमौर के स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा विंग ने जिला के चार मसाला कारखानों में मसालों की सैंपलिंग हिमाचल प्रदेश में भी स्वास्थ्य विभाग का खाद्य सुरक्षा विंग में मसालों की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल उठा रहा है। इस कड़ी में जिला सिरमौर के स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा विंग ने जिला के चार मसाला कारखानों में मसालों की सैंपलिंग की है जिन्हें जांच के लिए निजी लैब में भेजा जा रहा है। सिरमौर में खाद्य सुरक्षा विंग ने इस दौरान हल्दी, चना मसाला, किचन किंग, ड्राई मिर्च पाउडर, राई पाउडर के दस सैंपल लिए हैं। खाद्य सुरक्षा विंग की जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रियंका कश्यप ने बताया कि जिला सिरमौर में मसालों को तैयार करने के लिए 11 इकाइयां पंजीकृत हैं।जिसमें से वर्तमान में चार इकाइयां ही उत्पादन कर रही हैं। जिनमें विभिन्न मसालों का निर्माण, पैकेजिंग, स्टोर व सेल किया जा रहा है।
देश के नामी मसालों के ब्रांड के विदेशों में सैंपल फेल होने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसआई अलर्ट मोड पर है। देश भर के खाद्य सुरक्षा विंग को देश भर के विभिन्न राज्यों व जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के क्षेत्र में आने वाले मसालों के कारखानों में तैयार हो रहे मसालों के सैंपल की जांच करने के आदेश जारी किए हैं।
सिरमौर में विभाग द्वारा नाहन के कंडईवाला, सैनवाला, बड़ू साहिब, सराहां, पांवटा साहिब के मतरालियों, कोलर इत्यादि क्षेत्रों में संचालित मसाला उद्योगों में सैंपलिंग की गई है। वहीं जल्दी ही लैब जांच के बाद मसालों की गुणवत्ता का खुलासा होगा। गौर हो कि प्रदेश की नामी मसाला घरानों के मसाले देश के हांगकांग व अन्य देशों में सैंपल फेल हुए हैं।
जिसके बाद देश की एफएसएसआई ने देश भर के मसाला उद्योगों में तैयार हो रहे मसालों की गुणवत्ता की जांच शुरू की है। उधर, जिला खाद्य अधिकारी सिरमौर प्रियंका कश्यप ने जिला सिरमौर में चार मसाला उद्योगों में दस मसालों के सैंपल उठाने की पुष्टि की है।