पांवटा साहिब में प्रति वर्ष धान की फसल का बहुत अधिक उत्पादन होता है। यहां किसान दिन रात एक कर फसल को उगाते हैं, राज्य व देश के अन्य इलाकों में इन फसलों को पहुंचाते हैं। लेकिन इस वर्ष सभी किसानों की धान की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। किसान हताश हो गए हैं। लाखों का नुकसान होने के बाद अब वे इस फसल को खेतों में ट्रैक्टर के माध्यम से नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने प्रतिवर्ष लगाने वाला बीच 6444 का ही इस्तेमाल किया किंतु इस वर्ष फसल खराब हो गई और कारणों का पता नहीं चल पाया है।
किसान आज इतने हताश हो चुके हैं कि वे आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों का पूरा परिवार खेती-बाड़ी पर निर्भर करता है। और इस वर्ष धान की फसल खराब होने से उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि प्रशासन और सरकार की ओर से केवल आश्वासन ही मिले हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को इसका उचित मुआवजा दिया जाए अन्यथा किसानों को एक बार फिर अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
इस मौके पर रामकुमार, हरवंश सिंह प्रधान, सतार, नसीम, सजाबार आदि किसान मोंके पर रहे डिपार्टमेंट से आग्रह करता हूँ कि जिन किसानो कि फसल पूर्ण रूप से नस्त हो गई है कृपया उन किसानो के खेतो कि गिरदावरी जल्द करवाई जय ताकि वह किसान धान कि ख़राब हुई फसल कि बहाई कर सके। और समय रहते अपने खेत मे तोड़िए आदि कि फसल कि बिजाई कर सके। अन्यथा किसान पूर्ण रूप से बर्बाद हो जएगा। गांव घुतनपुर , ग्राम पंचायत पतलियो के किसानों से मौके पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें भारी नुकसान हुआ है।