पाँवटा साहिब में बाघ के पैरों के निशान 

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इस नेशनल पार्क से सटे इलाके में नजर आई दुर्लभ घटना, शिमला वाइल्ड लाइफ डिवीजन ने ट्वीटर पर शैयर की तस्वीर…

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में एक दुर्लभ घटना सामने आई है। यहां पर नेशनल पार्क से सटे इलाके में बाघ के पैरों के निशान देखे गये है जो अपने आप में एक बड़ी बात है। अमूमन हिमाचल प्रदेश में बाघ (Tiger) नहीं पाए जाते हैं, लेकिन पहली बार यहां बाघ की एंट्री दर्ज की गई है। वन विभाग को बाघ के पैरों के निशान मिले हैं। शिमला वाइल्ड लाइफ डिवीजन की तरफ से यह जानकारी दी गई है।

शिमला वाइल्ड लाइफ डिवीजन ने ट्वीटर पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसके अनुसार, सूबे के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में बाघ के पैरों के निशान देखे गए हैं। यह काफी दुर्लभ घटना है क्योंकि आज से पहले कभी भी हिमाचल में बाघ या उससे जुड़ी हुई कोई गतिविधि रिपोर्ट नहीं हुई है। विभाग का कहना है कि कैमरे से इलाके पर नजर रखी जा रही है।
दरअसल, जिस जगह बाघ के पैरों के निशान मिले हैं, वह इलाका सिंबलबाडा नेशनल पार्क के साथ सटा हुआ है। यह वन संरक्षित इलाका 19 किमी में फैला है और हरियाणा के साथ इसका बॉर्डर लगता है। 1958 में सिंबलबाडा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी अस्तित्व में आई थी। इस इलाके में ज्यादातर गोरल, सांभर और चीतल पाए

जाते हैं। ऐसे में अब बाघ के पैरों के निशान मिलने से उम्मीद जताई जा रही है कि यहां बाघ की मौजूदगी हो सकती है। हालांकि यहां की एक रिसर्च रिपोर्ट में यह साफ कहा गया था कि यह इलाका बाघ के अस्तित्व के लिए अनुकूल वातावरण के लायक है। लेकिन सेंक्चूरी का दायरा कम होने के चलते यहां बाघ को लाने की योजना पूरी नही हो पाई। आब यदि शिमला वाइल्ड लाइफ डिवीजन की रिपोर्ट सच साबित होती है तो यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। 

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