पांवटा साहिब में SHO पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं जिसके बाद डीजीपी हिमाचल प्रदेश ने जांच के आदेश जारी किए। ये बेहद संवेदनशील मामला अगस्त 2021 का बताया जा रहा है।
शिकायतकर्त अमित कुमार ने बताया कि बुधवार को डीएसपी ओफिस में उनके ब्यान दर्ज किए गए हैं जिसमें उन्होंने तथ्यों के आधार पर थाना प्रभारी (SHO) अशोक चौहान पर आरोप लगाए हैं कि अगर वह लापरवाही ना करते तो उनकी धर्मपत्नी उनके साथ होती आज 18 महीनों बाद भी वह अपनी पत्नी को नहीं देख पाए यह भी संभव है कि उनकी धर्म पत्नी की हत्या कर दी गई हो अगर ऐसा होता है तो सीधे-सीधे पांवटा साहिब और सिरमौर पुलिस अधिकारी इसके जिम्मेदार होंगे।
अमित कुमार जो कि इस मामले में शिकायतकर्ता हैं वह 18 महीनों से अपनी नवविवाहित धर्मपत्नी का चेहरा नहीं देख पाए हैं जीवन भर साथ निभाने के वायदे करने वाली अचानक गायब कर दी गई, उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि वह पांवटा साहिब की एक कंपनी में काम करते हैं 12 अगस्त 2021 रात करीब 12:00 बजे पांवटा पुलिस और अलीगढ़ यूपी पुलिस के 5 जवान उनके कमरे का दरवाजा तोड़कर उनके साथ मारपीट करते हैं और उनकी धर्मपत्नी रेनू जिसके साथ उनकी 3 दिन पहले ही शादी हुई थी को अगवा कर लिया गया ।
उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत 13 अगस्त को उन्होंने पांवटा पुलिस स्टेशन में की थी लेकिन आज 18 महीने बाद भी उनकी पत्नी को अगवा करने वाले आरोपियों व सहयोग करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है।
अमित बोले पिछले 18 महीनों से लगातार हिमाचल प्रदेश चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को शिकायतें कर रहा हूं अब जब आरटीआई के माध्यम से अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायतों पर उच्च अधिकारियों की कार्रवाई के दस्तावेज मांगे तो उसके परिणाम सामने आने लगे हैं SHO पोंटा साहिब अशोक चौहान जांच के दायरे में है मेरी धर्मपत्नी के अगवा करने के मामले में उन्होंने अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल किया अलीगढ़ से आए SHO से कोई दस्तावेज या कोई मिसिंग रिपोर्ट तलब नहीं की गई बल्कि सीधे मेरी पत्नी को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के उनके हवाले कर दिया गया ना तो उनकी धर्मपत्नी के बयान दर्ज किए गए और ना ही यह देखा गया कि यूपी से जो पुलिस आई है वह किस आधार पर उनकी धर्मपत्नी को ले जा रही हैं।
SHO अलीगढ़ हो चुके हैं सस्पेंड…
अमित कुमार ने बताया कि मेरी जानकारी के अनुसार इस मामले में अलीगढ़ पुलिस थाना प्रभारी वंशीधर पांडे जो मेरी धर्मपत्नी रेनू के चाचा थे उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। सिद्ध हुआ है कि उन्होंने भी अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल किया।
न्यायालय पर भी खड़े किए सवाल…
अमित कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके जीवन संगिनी के चले जाने के बाद वह इस उम्मीद में थे के न्यायालय से कुछ मदद मिलेगी लेकिन तकरीबन 18 महीनों से पांवटा सिविल कोर्ट के माध्यम से अपनी पत्नी के अगवा हुए मामले को दर्ज करवाने का प्रयास कर रहे हैं जो अब तक नहीं हो पाया है मुझे तारीख पर तारीख मिल रही है व्यवस्था की ऐसी लचर प्रणाली को देख कर वह बेहद हैरान और परेशान हैं।
पत्नी की हो चुकी हत्या हत्या…?
उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब 12 अगस्त देर रात उनकी पत्नी को अगवा किया गया था लगभग 2 महीने बाद उनके घर और उनकी पत्नी रेनू के घर के बीच एक युवती का शव बरामद हुआ था जिसकी आज तक कोई शिनाख्त नहीं हो पाई है उन्होंने अंदेशा जताया है कि पांवटा पुलिस की लापरवाही और यूपी पुलिस की तानाशाही के कारण शायद वह अपनी नवविवाहित पत्नी को खो चुके हैं।
पांवटा से अगवा के बाद मिला था एक युवती का शव…तो क्या ये रेणु का है ?
मिडिया से आग्रह …
उन्होंने पांवटा साहिब के आधा दर्जन से अधिक मीडिया को तथ्यों के आधार पर उनकी मदद करने की गुहार लगाई है उन्होंने कहा कि मैं अमित कुमार पुत्र सखी राम स्थाई निवासी झारखंड पांवटा साहिब की मीडिया से आग्रह करता हूं कि मैं इन सभी आरोपों को तथ्यों के आधार पर मीडिया में प्रकाशित करवाना चाहता हूं मेरे इस पक्ष को अखबार और सोशल मीडिया में प्रकाशित किया जाए ताकि उनके साथ हुए अत्याचार का खुलासा हो सके उन लोगों पर कार्रवाई हो पाए जो वर्दी का गलत इस्तेमाल करते हैं।
आपको बता दें कि हमने पहले भी अशोका टाइम और amh न्यूज़ ने इस मामले को बेहद संवेदनशीलता के साथ उठाया था 12 अगस्त 2021 में अमित कुमार द्वारा लगातार पुलिस अधिकारियों को अपनी नवविवाहित पत्नी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुरंत अगवा करने का मामला दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने की शिकायतें दी थी लेकिन पांवटा पुलिस सहित एसपी सिरमौर ने भी कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई थी। संभवत रेनू को बचाया जा सकता था।
क्या है पूरा मामला ….
बता दे कि अमित कुमार झारखंड के रहने वाले हैं वह बीटेक इंजीनियर हैं पांवटा साहिब की विख्यात कंपनी में काम करते हैं यह मामला इंटर कास्ट मैरिज से जुड़ा है झारखंड में एक ऊंची जाति की लड़की से प्रेम हुआ और 6 वर्षों बाद उसके साथ कोर्ट मैरिज (Intercaste Merrage) कर ली लेकिन लड़की के परिवार को मंजूर नहीं था और लड़की के चाचा यूपी पुलिस में थाना प्रभारी थे वह 12 अगस्त की रात को पांवटा पुलिस स्टेशन पहुंचे वहां से पुलिस बल साथ लिया और सीधे अमित कुमार के घर में घुस गए पांवटा पुलिस अधिकारियों की गलती यह रही कि बिना कानूनी कार्रवाई किए उन्होंने एक नवविवाहित यूवती को अगवा करने का मौका दिया। सिर्फ इतना ही नहीं 18 महीनों बाद भी इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है यहां तक की मेडिकल के आधार पर मारपीट तक का मामला दर्ज नहीं किया गया है।
कुछ ऐसे तथ्य जो न्यायालय और पुलिस अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से नकार दिए गए
अमित और रेनू की शादी की तस्वीर ….