सिरमौर को हिमाचल का सिरमौर बनाने के लिए मील का पत्थर साबित करते जा रहे

0
173

सिरमौर को हिमाचल का सिरमौर बनाने के लिए मील का पत्थर साबित करते जा रहे है हाल ही के बड़े स्तर पर बने सहायक प्रोफेसरों के परिणाम..

जिला सिरमौर जिस इतिहास ओर बुलंदियों के लिए जाना जाता है आज उसी को ओर सार्थक करते जा रहे हैं हाल ही में सहायक प्रोफेसर के परिणाम जिसमें की ज़िला सिरमौर के विभिन्न क्षेत्रों ओर गिरिपार के अनेकों गांव के भाई बहनों ने अपनी मेहनत,संघर्ष ओर दृढ़संकल्पिता का लोहा मनवाया है और ये भी एक देखने वालीं बात है कि हाल ही के सहायक प्रोफेसरों के परिणामो में इसी महीने ओर पिछले महीने में इतने बड़े स्तर पर शायद ही हमारे सिरमौर व गिरिपार से हमारे भाई-बहनों ने इतने बड़े स्तर पर अपने क्षेत्र का इतिहास दोहराया हों, जिसमें अनेकों विषयों पर सफलता हासिल की है जैसे संस्कृत,इतिहास,गणित,अंग्रेजी, समाजशास्त्र,राजनेतिक विज्ञान, इत्यादि हर विषय में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहें हैं जिनमें अनेकों नाम देखने ओर सुनने को मिल रहें हैं जिसमें कुछेक नाम ओर छाया चित्र आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमे गोविन्द शर्मा,पूनम कुमारी, निर्मला देवी देवराज शर्मा, कृष्णदत, कल्याण सिंह, यशपाल शर्मा,नीता राम सौरभ ठाकुर, महिमा चौहान, विनोद शर्मा प्रतीक्षा तोमर,शीतल शर्मा इत्यादि अनेकों ऐसे जिला सिरमौर के अलग-अलग गांव, शहरों ओर क्षेत्र से है जिन्होंने दतआज इन सब परिणामों के आने के बाद सिरमौर में शिक्षा की एक नई क्रांति ओर उर्जा का संचार उन तमाम जिज्ञासु,शिक्षित,संघर्षरत परिक्षार्थियों ओर संघर्ष कर रहे तमाम भाई,बहनों के लिए आशा की एक नई किरण लेकर आई है जो आज प्रदेश ओर देश के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और जो अपने माता-पिता,क्षेत्र,समाज ओर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं उन सभी भाई बहनों के लिए इस तरह के परीक्षा परिणाम (गागर में साग) भरने का काम भविष्य में करते रहेंगे,आज हम सभी को इस बात को समझना ओर चिन्तन करने की परम् आवश्यकता भी है कि हम अपने बच्चों ,भाई बहनों को एक उचित मंच ओर उनके प्रतिभा के अनुकूल वातावरण दिया जाए ताकि भविष्य में वह अपने उस प्रतिभा को सही रूप ओर समाज क्षेत्र ओर देश के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें,आज हम सभी युवाओं को इन सभी सफल हुए भाई बहनों के संघर्ष से कुछ ना कुछ ओर किसी ना किसी रूप में सिखने की भी परम आवश्यकता है कि जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में रहकर भी अर्थार्त घर की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के वावजूद ओर अपने घर ओर क्षेत्र में दूर दूर तक उच्च पदों पर ना होने के वावजूद भी संघर्ष का ऐसा अनोखा इतिहास स्थापित किया जिसकी किसी को उम्मीद तक नहीं रहीं होगी ये सब संघर्ष का वह रोचक और अनूठी पहचान है जो जिसे जिला सिरमौर के युवा बखूबी अंजाम दे रहे हैं आशा करेंगे कि भविष्य में भी हमारे भाई बहन इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में ओर बड़े स्तर पर हमारे गांव क्षेत्र ओर सिरमौर को समय समय पर गौरवान्वित करवाते रहेंगे !

स्वतंत्र लेखक-हेमराज राणा !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here