*भारत 14 जुलाई को दोपहर दो बजकर 30 मिनट पर श्रीहरिकोटा से स्पेसशिप चंद्रयान-3 लांच करेगा। इसरो ने यह जानकारी दी है।*
*इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा। यान पूरी तरह तैयार है।*
इसे बुधवार को ही लांचिंग यान में फिट किया गया था। इस मिशन का पूरा बजट 651 करोड़ रुपए का है। अगर चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है, तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमरीका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं।
इस मिशन में भारत चांद की धरती पर एक लैंडर उतारेगा। चंद्रयान-3 में एक रोवर भी है, जो चंद्रमा की धरती पर घूमेगा और वहां कुछ प्रयोग करेगा। इससे पहले चांद पर उतरने का भारत का चंद्रयान-2 मिशन 22 जुलाई, 2019 को लांच हुआ था, लेकिन सात सितंबर को चांद पर उतरने से पहले ही विक्रम लैंडर से इसरो का संपर्क टूट गया था। उस समय लैंडर चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर था। उस मिशन पर 978 करोड़ रुपए का खर्च आया था। इसके बाद से ही भारत चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी कर रहा है।
चांद की पड़ताल को लगाए हैं विशेष यंत्र
चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा की थर्मोफिजिकल प्रापर्टीज यानी वहां का तापमान आदि कैसा है, का पता लगाएगा। साथ ही चांद पर भूकंप कैसे आते हैं और कितने आते हैं, इसका भी डाटा लेगा। चांद की सतह पर प्लाज्मा एनवायरन्मेंट और वहां की मिट्टी में कौन से तत्व हैं, यानी चांद पर एलीमेंटल कंपोजिशन कैसा है, इसकी स्टडी करेगा। इसके लिए यान में विशेष वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं।
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