सिरसा डिपो की बस नंबर HR39E-3154 जो की चंडीगढ़ से सिरसा के लिए शाम को 05:48 बजे रवाना हुई थी। इस बस में 2 लड़किया जो की चंडीगढ़ में पीएचडी की पढ़ाई कर रही वो भी कैथल के लिए बैठ गई।
बस में बैठते ही इन लड़कियों ने अपने कानो में ईयरफोन लगा लिया ओर गाने सुनने लगी।
जब कैथल बस स्टैंड आ गया तो कंडक्टर विकास यादव ने आवाज लगाई की कैंथल बस स्टैंड की सवारी उतर जाये। पर लड़कियों ने परिचालक की आवाज नहीं सुनी। ओर बस कैंथल से सिरसा के लिए चल पड़ी।
बस लगभग कैथल से 10 से 15 किलोमीटर आगे बाता गाँव के पास आ चुकी थी, तो कंडक्टर विकास यादव को शक हुआ की इन लड़कियों को तो कैंथल उतरना था।
जब उन लड़कियों से पूछा तो उन्होंने बताया की हमे कैथल उतरना था तो कंडक्टर विकास यादव ने बताया की कैथल तो पीछे जा चूका है आप उतरे क्यों नहीं? तो लड़किया बोली के हमें पता नहीं लगा।
तब कंडक्टर ने फ़ोन पर उन लड़कियों के पापा से बात की के आपकी लड़की गलती से आगे आ गई है अब क्या करू, तो उनके पापा ने बोला के बेटा आप इनको बाता बस स्टैंड पर उतार दो में अभी 15 मिनट में कार से इनको लेने आ रहा हूँ।
पर रात ज्यादा होने पर परिचालक विकास यादव ने लड़कियों के अकेला उतारना सही नहीं लगा ओर जब तक लड़कियों के घर वाले ना आ जाये तब तक लगभग 15 मिनट तक बस को वही रोक कर उनका इंतजार किया ओर जब लड़कियों को उनके पापा को सोप दिया तब बस को चलाया।
आज एक बार फिर हरियाणा रोडवेज के चालक-परिचालक विकास यादव c-249 व ड्राइवर रविंदर पाल सिंह ने मानवता का परिचय देते हुए एक बार फिर हरियाणा रोडवेज के नाम को रोशन किया है।
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