दून प्रेस क्लब ने कविता के माध्यम से मनाया हिंदी दिवस

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आसान होते संवाद मेरे,जब कथन हिंदी में कहता हूं—-
जन जन की भाषा है हिंदी, भारत की आशा है हिंदी—-
पांवटा साहिब

दून प्रेस क्लब पांवटा साहिब ने हिंदी दिवस के अवसर पर वर्चुअल बैठक का आयोजन किया।
हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी दून प्रेस क्लब पांवटा साहिब के पत्रकारों ने गोष्ठि का आयोजन किया। जिसमें पत्रकारों ने कविताओं के माध्यम से अपने विचारों को सांझा किया। दून प्रेस क्लब पांवटा साहिब के वरिष्ठ सदस्य अरविंद गोयल ने व मुकेश रमोल ने कविता के आगाज से इसे शुरु किया।

दून प्रेस क्लब पांवटा साहिब के पूर्व अध्यक्ष श्यामलाल पुंडीर ने-जन जन की भाषा है हिंदी, भारत की आशा है हिंदी- कविता को सुनाया।

वही डिजिटल सिरमौर के संपादक व क्लब के महासचिव भीम सिंह ने-
आसान होते संवाद मेरे,
जब कथन हिंदी में कहता हूं।
और लगे प्यारी मुझे ये,
जब हर शब्द इसका लिखता हूं।
को सुनाया।

पत्रकारों ने बताया कि हिंदी दिवस के इस खास मौके पर हम देश की एकता और विविधता का जश्न मनाते हैं। हिंदी, भारत की एकता के प्रतीक के रूप में नहीं ही केवल एक भाषा है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।

हिंदी को 14 सितंबर को निर्धारित किया गया है क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए ‘सत्याग्रह’ की शुरुआत की थी, जो हिंदी में ‘सत्य की ओर आग्रह’ का संकेत है।

हिंदी दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी भाषा हमारी अद्भुत विरासत है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। हिंदी ने भारत को विश्व में एक महत्वपूर्ण दर्जा दिलाया है और हमें गर्व होना चाहिए कि हम इसे अपने भाषा के रूप में बरकरार रख रहे हैं।

इस दिन को मनाने के साथ, हमें हिंदी को अपनी दिनबदिन की जीवन में बढ़ती भाषा बनाने का प्रयास करना चाहिए। हिंदी को आधुनिकता के साथ अपनाना और इसका सही उपयोग करके हम अपने देश की विकास में भी मदद कर सकते हैं।

इस हिंदी दिवस पर, हम सभी को अपनी राष्ट्रीय भाषा का सम्मान करने और इसे प्रमोट करने का संकल्प लेना चाहिए। यह हमारे देश के साथ ही हमारे स्वयं के भी विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

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