जिला सिरमौर की माजरा उप तहसील में आखिर ऐसी क्या खूबी है कि वह हरियाणा पंजाब दिल्ली चंडीगढ़ में काफी विख्यात हो गई है। दरअसल माजरा उप-तहसील में जमकर जीपीए का फर्जीवाड़ा जारी है। यहां पर बाहरी राज्यों के भु-माफिया जीपीए बनवा कर भ्रष्टाचार की जड़ों को मजबूत कर रहे हैंd2274877-1b52-4a58-a5eb-58454338e917
। वहीं स्थानीय लोगों के आरोप लग रहे हैं कि मोटी रकम कमीशन के तौर पर बंदरबांट की जा रही है।
माजरा उप-तहसील हरियाणा पंजाब दिल्ली चंडीगढ़ के भू माफिया का ठिकाना बनती जा रही है दरअसल यहां पर जमीनों की फर्जी खरीद फरोख्त को लेकर जीपीए तैयार करवाई जा रही है जिसमें मोटी कमीशन लेकर काम को अंजाम दिया जा रहा है।
शुक्रवार को जब सूत्रों के बताए अनुसार उप तहसील माजरा में जाकर देखा गया तो चंडीगढ़ और हरियाणा की फॉर्च्यूनर स्कॉर्पियो जैसी गाड़ीयां मौके पर खड़ी थी और जैसे ही कर्मचारियों को भनक लगी गाड़ीयां मौके से फुर्र हो गई।
दरअसल माजरा उप-तहसील में पिछले 6 महीने के भीतर सैकड़ो की तादाद में जीपीए की गई हैं जिसमें बाहरी राज्य की जमीन खरीद फरोख्त को लेकर यहां भ्रष्टाचार चरम पर है। सूत्रों की माने तो पिछले कुछ महीनो में बाहरी राज्य के भू-माफिया बड़ी-बड़ी गाड़ियों में यहां पर आकर चुनिंदा वकीलों के माध्यम से जीपीए करवा रहे हैं इस दौरान एक जीपीए पर 25000 तक कमीशन वसूल की जा रही है।
वही इस पूरे मामले को लेकर कुछ लोगों ने विजिलेंस में भी कंप्लेंट की है उम्मीद है कि जल्दी ही जांच के दौरान तहसील माजरा में सैकड़ो की तादाद में हुई GPA पर बड़ा खुलासा हो पाएगा.
वही जब इस बारे में तहसीलदार रविन्द्र सिंह सिसोदिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल जीपीए बंद कर दी गई है एसडीएम गुंजित चीमा द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है। जिसके तहत फिलहाल माजरा उप-तहसील में जीपीए पर रोक लगाई गई है । पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम क्या कर सकते हैं अगर बाहरी राज्यों के लोग यहां आकर अपनी जमीनों की जीपीए करवा रहे हैं।
कुल मिला कर स्थानीय लोगों को रजिस्ट्री के लिए स्लॉट नहीं मिल पा रहे हैं और बाहरी राज्य के भू माफिया को हर रोज स्लॉट दिए जा रहे हैं जिसके कारण स्थानीय लोगों के रजिस्ट्री और ज़मीनी काम रुके पड़े हैं। वह स्थानीय लोगों ने उच्च अधिकारियों से सवाल पूछे हैं कि आखिर छोटी सी उप तहसील में चंडीगढ़ हरियाणा पंजाब दिल्ली के बड़े-बड़े भू माफिया जीपीए के लिए क्यों आ रहे हैं आखिर छोटी सी उप तहसील में ऐसी क्या खूबी है कि सिर्फ यहीं पर सैकड़ो की तादाद में जीपीए करवाई जा रही है?