>गिरीपार के भरली गांव के वीर सपूत आशीष की अरूणाचल में शहादत

0
2

टूटा सेहरा बांधने का सपना, जुड़वां भाइयों की जोड़ी बिछड़ी!

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र आंजभोज के शिवा पंचायत के अंतर्गत भरली गांव के 25 वर्षीय वीर सपूत आशीष कुमार देश की सेवा में शहीद हो गये है। माता संतरो देवी अपने बेटे के सिर पर सेहरा बांधने के सपने देख रही थी। उन्हें क्या पता था की होनी को कुछ और ही मंजूर है। लेकिन बेटे की शहादत की खबर के साथ उनका यह सपना टूट गया। जब उन्हें बेटे की शहादत की सूचना मिली कि आशीष ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में ‘ऑपरेशन अलर्ट’ के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश को अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है तो मानो माता और परिवार पर दुखों का पहाड़ टुट पड़ा। आशीष की शहादत से जुड़वां भाइयों की जोड़ी भी टूट गई है। शहीद का जुड़वां भाई रोहित एक निजी कंपनी में सेवारत है। आशीष कुमार का जन्म 14 मार्च 1999 को हुआ और वे वर्तमान में 19 ग्रेनेडियर बटालियन के अधीन अरूणाचल प्रदेश में सेवारत थे। करीब 6 साल पहले आशीष सेना में भर्ती हुआ। शहीद आशीष के पिता स्वर्गीय श्याम सिंह का पहले ही निधन हो चुका है और अब परिवार में उनकी मां, बड़े भाई राहुल व जुड़वां भाई रोहित तथा बहन पूजा हैं। बहन पूजा वन विभाग में बतौर वनरक्षक तैनात है।
संनंद रहे कि अरूणाचल प्रदेश में सेन्य ऑपरेशनल गतिविधि के दौरान सेना के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर है। जिसमें गिरीपार के भरली गांव के वीर सपूत आशीष के अलावा राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एक-एक जवान सहित कुल तीन जवानों के शहीद होने की खबर है। शहीद आशीष की पार्थिव देह वीरवार तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है। बताया जा रहा है कि पार्थिव शरीर को बुधवार शाम तक दिल्ली तक हवाई मार्ग से लाया जा सकता है तत्पश्चात वीरवार सुबह सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव देह को पैतृक गांव के लिए रवाना किया जाएगा।
भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई पदाधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते घटना पर गहरा शौक व्यक्त करते हुए कहा कि हम 19 ग्रेनेडियर के नुमाइंदों तथा परिवार से लगातार संपर्क में है ताकि शहीद की पार्थिव देह जल्द से जल्द उनके पैतृक गांव पहुंच सके। पार्थिव देह की अंतिम यात्रा तक संगठन के सदस्य शहिद के परिवार के साथ गांव में मौजूद रहेंगे।
यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में राजगढ़ उपमंडल के अविवाहित सपूत प्रवीण शर्मा भी आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। सिरमौर के ये दोनों वीर सपूत हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में अमर हो गए हैं।