प्रदेश के स्कूल और कालेजों में पढऩे वाले 30 फीसदी छात्र हैं जिनके मोबाइल नंबर पर अब काम नहीं कर रहे हैं।
इस कारण इन मेधावियों को लैपटॉप के लिए दिए जाने वाला फंड इनके खाते में ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है। हालांकि अभी मार्च तक की डेडलाइन है।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने एक बार फिर इन मेधावियों के नंबर वेरिफाई करने के लिए संबंधित संस्थानों को पत्र लिखा है।
इसमें प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढऩे वाले करीबन दस हजार मेधावियों को इस बार टैब की जगह वाउचर मिलने हैं। एचपीएसईडीसी की तरफ से यह वाउचर कालेज और स्कूल में पढऩे वाले में मेधावियों को जल्द ही मिल जाएंगे। शिक्षा विभाग का कहना है कि इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अगले माह तक यह वाउचर छात्रों को मिल जाएंगे। कुछ कंपनी जो जैम पोर्टल के माध्यम से शिक्षा विभाग से कनेक्ट है उनकी जानकारी भी इस वाउचर के माध्यम से छात्रों को दी जाएगी।
विभाग देगा अनुमति
शिक्षा विभाग की ओर से 16-16 हजार के वाउचर बच्चों को दिए जाएंगे जिसमें 40 फीसदी शेयर एचपीएसईडीसी का होगा, लेकिन यदि छात्र अपनी इच्छा से टैब की बजाय लैपटॉप खरीदना चाहता है तो उसे अतिरिक्त पैसे डालने की अनुमति भी विभाग की ओर से दी जा रही है। यानी छात्र चाहे तो टैब की जगह लैपटॉप भी अपने प्रयोग के लिए खरीद सकते हैं। इससे पहले इस तरह की छूट छात्रों को नहीं दी गई थी लेकिन इनमें से बहुत से छात्र ऐसे हैं जिनके पास पहले से मोबाइल और टैब की सुविधा उपलब्ध होती है।