आज हम आप सभी तक जिला सिरमौर के गिरिपार की एक होनहार और बहुप्रतिभाशाली बेटी का जिक्र करना चाहेंगे जो वर्षों से हाकी के क्षेत्र में कड़ी मेहनत और लग्न से अपनी अलग पहचान स्थापित करतीं जा रही है,ऐसा युवा चेहरा है गिरिपार के गांव दुगाना की बेटी महिमा पुंडीर जिन्हें हिमाचल की पहली हाकी खिलाड़ी होने का गौरव भी प्राप्त हुआ हैं जिनका चयन हाकी कोचिंग कैंप के लिए हुआ था,हॉकी खिलाड़ी महिमा पुंडीर राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर, जूनियर और सब जूनियर प्रतियोगिताएं खेल चुकी हैं। फरवरी 2019 में हिसार में सीनियर नेशनल हॉकी स्पर्धा में बतौर गोलकीपर महिमा का प्रदर्शन शानदार माना जाता है गिरिपार के दुगाना गांव की महिमा ने कन्या हॉकी छात्रावास माजरा से खेल की बारीकियां सीखीं, माजरा से 12वीं कक्षा के बाद पांवटा कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की,माजरा हॉस्टल के कोच चंद्रशेखर ने महिमा की प्रतिभा को तराशने का प्रयास किया, इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में महिमा का प्रदर्शन बेहतरीन माना जाता है। इसके बाद हिसार में सीनियर नेशनल वुमन प्रतियोगिता से सब जूनियर और जूनियर वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, महिमा सीनियर नेशनल हॉकी कैंप में चयन से बेहद खुश मानीं जातीं हैं, जानकारी अनुसार गिरिपार की प्रतिभाशाली बेटी महिमा पुंडीर का एक बार जुनियर इंडिया टीम में भी चयन हुआ था परन्तु किन्हीं कारणवश वह नहीं जा पाई थी,परन्तु महिमा पुंडीर ने लगातार कड़ी मेहनत और संघर्ष को जारी रखा जिसके बदोलत हाल ही में सम्पन्न हुएं हाकी के राष्टीय स्तर पर सिल्वर मेडल जितने में कामयाबी हासिल की, जिसमें सिरमौर की होनहार हाकी खिलाड़ी महिमा पुंडीर का प्रदर्शन शानदार रहा,तो वहीं उम्मीद करते हैं कि इसी प्रकार कड़ी मेहनत और लग्न से भविष्य में महिमा पुंडीर अंतराष्ट्रीय पटल पर राष्ट्र का नाम रोशन करेंगी, तो वहीं दूसरी ओर आज की युवा पीढ़ी के लिए महीमा पुंडीर जैसा व्यक्तित्व प्रेरणा स्रोत है जिस प्रकार आज का युवा नशे के दल दल में गिरता जा रहा है उन तमाम युवाओं को ऐसी प्रतिभाशाली बेटियों से सीख लेनी चाहिए जो खेल के माध्यम से राष्ट्र के लिए अपनी अहम् भूमिका निभाना चाहते है, तो वहीं युवाओं और समाज का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि ऐसी होनहार बेटियों के मनोबल और उत्साह को आगे बढ़ाने में किसी ना किसी रूप से प्रयास होने चाहिए, तो वहीं प्रदेश सरकार से निवेदन एवं सुझाव रहेगा कि विभिन्न खेलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएं ताकि भविष्य में प्रदेश के हर प्रतिभाशाली (बेटी या बेटे) को उचित अवसर मिलें और भाई-भतीजावाद,रसूखदार, इत्यादि की परम्परा पर पूर्णतः रोक लगे ऐसी उम्मीद और आशा सरकार से करते हैं, तो वहीं खेल प्रतिभाओं में हो रही अनियमिताओं के खिलाफ कड़े नियम एवं सज़ा का प्रवधान किया जाए,क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भी समय-समय पर होनहार खिलाड़ियों द्वारा चयनकर्ताओं के चयन प्रक्रिया में ही गंभीर आरोप देखने एवं सुनने को मिलते हैं,इस प्रकार प्रदेश सरकार से इस महत्वपूर्ण एवं गंभीर विषय पर विशेष निवेदन और आग्रह रहेगा। ताकि भविष्य में हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपने उज्जवल भविष्य को सफ़ल बनाने में कामयाब हो सकें।
*स्वतन्त्र लेखक-हेमराज राणा सिरमौर।*