जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में जिस प्रकार वर्षों से विभिन्न प्रकार के अपराधों की घटनाएं देखने एवं सुनने को मिल रही है, इसी परिप्रेक्ष्य में जनहित और क्षेत्र समाज के बुद्धिजीवियों एवं जागरूक जनता द्वारा प्रदेश सरकार से मांग उठ रही है कि गुरु की नगरी पांवटा साहिब को इन सभी घटनाओं से निजात पाने के लिए बद्दी, देहरा इत्यादि की तर्ज पर पांवटा साहिब मे भी पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति करने का प्रयास किया जाएं, क्योंकि पांवटा साहिब ऐसा संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है जिस क्षेत्र से अनेकों राज्यों की सीमाएं लगती है जैसे उत्तराखंड, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश की सीमा के भी बिल्कुल नजदीक पाया जाता है, जो पांवटा साहिब एक धार्मिक स्थल के साथ साथ प्रसिद्ध औधौगिक क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है,जिस धार्मिक स्थल पर सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली और पुण्य भूमि मानी जाती है,जिस धार्मिक स्थल पर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु गुरूद्वारे में आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर पांवटा साहिब में आएं दिन अपराध की गति बढ़ती जा रही है कभी मर्डर की खवरे सुनने को मिलती हैं तो कभी रैप,मारपीट जैसी घटनाएं जनता को विचलित करती है, जिन अपराधों के होने से धार्मिक स्थल पांवटा साहिब की अमन शान्ति के लिए किसी भी प्रकार से तर्कसंगत नहीं है,इस प्रकार हम सभी का नैतिक कर्तव्य बनता है कि हम सभी सरकार के समक्ष ऐसे गंभीर और चिंतनीय विषय पर किसी न किसी रूप से निवेदन एवं सुझाव देने का प्रयास करें ताकि भविष्य में जल्द प्रदेश सरकार इस गंभीर विषय पर कोई सकारात्मक कदम उठाने का प्रयास करें तो वहीं अगर सरकार पांवटा साहिब में पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति करतीं हैं तो निसंदेह पांवटा साहिब के साथ साथ अन्य लगते क्षेत्र में भी कहीं न कहीं विभिन्न अपराधों में कमी देखने एवं सुनने को मिलेगी ऐसी उम्मीद और आशा करते हैं, जिस प्रकार देव भूमि हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अनेको घरों के इकलौते चिराग़ बुझ रहे हैं और नशे का करोबार भी बेलगाम होता जा रहा है तो वहीं पांवटा साहिब में भी विभिन्न क्षेत्रों में नशे की समस्या विक्राल होती जा रही है,जिस नशे पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन हर संभव प्रयास भी कर रहा है, परन्तु अगर सरकार द्वारा पांवटा साहिब में पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति होती है तो उम्मीद करते हैं कि नशे की समस्या से पांवटा साहिब की जनता को राहत मिलेगी,क्योंकि जिस प्रकार जिला सोलन के अन्तर्गत बद्दी को पुलिस जिला घोषित करने और पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने और विभिन्न प्रकार के अपराधों, घटनाओं में कहीं ना कहीं कमी देखने को मिली है, तो वहीं अपराधियों में भी कहीं न कहीं खोफ पैदा होता है, किसी भी अपराध को करने से पहले,साथ ही जनता में एक सकारात्मक संदेश और कहीं ना कहीं राहत भविष्य में देखने को मिलेगी,साथ ही जिस तरह से वर्षों से पांवटा साहिब में सड़क दुघर्टनाएं देखने एवं सुनने को मिलती हैं जो कि बड़ा ही चिन्ता का विषय है इस प्रकार अगर पांवटा साहिब को जिला पुलिस का दर्जा सरकार की और से दिया जाता है तो पुलिसकर्मियों की अधिक संख्या होने से सड़क दुर्घटनाओं में भी कहीं न कहीं निश्चित रूप से राहत मिलेगी, क्योंकि समय-समय पर पुलिस प्रशासन के द्वारा सरकार से मांग एवं सुझाव दिया जाता है कि विभाग में रिक्त पड़े पदों को भरने का प्रयास किया जाएं ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखने और विभिन्न प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों की मौजूदगी और गश्त को भरपूर मात्रा में लगाया जाए ताकि भविष्य में जनता को विभिन्न समस्याओं से कहीं ना कहीं निजात मिल सके, तो वहीं पांवटा साहिब के अनेकों बुद्धिजीवियों एवं शिक्षाविदों ने भी इस गंभीर समस्या पर सरकार से निवेदन किया है कि पांवटा साहिब को जिला पुलिस का दर्जा देकर पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति करने की अनुशंसा की जाएं। जिसमें अनेकों बुद्धिजीवियों ने मांग एवं सुझाव सरकार को मिडिया के माध्यम से देने का प्रयास किया है जैसे स्थानीय समाजसेवी हेमन्त शर्मा, गौसेवक सचिन ओबराय, प्रसिद्ध समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र तिवारी, सक्रिय समाजसेवी संदीप लाम्बा, समाजसेवी संजय कंवर, समाजसेवी मनींद्र सिंह मनी, आदर्श गुप्ता, शिक्षाविद राजेन्द्र ठाकुर, राजेन्द्र चौहान, अश्विनी राणा,अजय चौधरी,भरत ठाकुर, हेमराज राणा,अजय नेगी,जय ठाकुर, शिक्षाविद भीम सिंह चौहान,कपिल चौहान,दिनेश चौधरी, समाजसेवी सुनिल चौधरी,धीरज शर्मा,कमल चौहान, सुरजीत चौधरी,करण शर्मा,अजय कुमार,नितिन राणा, शिक्षाविद अंजय कंवर, विक्रम चौहान इत्यादि दर्जनों क्षेत्र के लोगों ने मिडिया बन्धुओं के माध्यम से आवाज़ बुलंद की ।