आज अगर हम ग्रामीण भारत की बात करें तो सबसे चिंताजनक ओर चिंतनीय विषय है गांव से शहरों की ओर पलायन होना जिसमें की बहुत, सारे कारण एवं पहेलू है सर्वप्रथम हम शिक्षा को लेकर गांव से शहरों की ओर रुखसत होते है और शिक्षा पूरी करने के बाद रोजगार के सन्दर्भ में शहरों में अपनी योग्यता के अनुसार रोजगार चाहते है और अपने अपने क्षेत्र में रोजगार प्राप्त भी कर लेते है परन्तु यहां सवाल उठता है कि अगर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों और युवाओं को घर द्वार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ही अच्छी शिक्षा और रोजगार प्रदान करवाती है तो आज शहरों की ओर पलायन काफी हद तक रोका जा सकता है अन्यथा यह समस्या बेलगाम ओर बढ़ती जाएगी, आज जिस भी प्रदेश एवं क्षेत्र की बात की जाए वही पर गांव से शहरों की ओर पलायन बढ़ता ही जा रहा है जो कि भारत के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है आज जहां हमें इस विषय पर सोचने की जरूरत है वहीं समाज में जागरूकता लाने की भी परम आवश्यकता है तथा जितना दायित्व सरकार का बनता है इस समस्या को सुलझाने का वही हम सभी शिक्षित और युवा पीढ़ी का बनता है कि हम अपने अपने स्तर पर जागरूकता और अपनी अहम भूमिका से इस विषय पर कुछ क़दम जरूर उठाएं अन्यथा गांव से शहरों की ओर पलायन हम सभी को शांति से अशांति की ओर ओर संस्कृति से असंस्कृति ओर प्यार से नफ़रत की ओर भाईचारे से आधुनिकता की ओर, विश्वास से अविश्वास की ओर सुख से दुःख की ओर ले जाएगा, आज जो शहरों की जिंदगी हों गई है वह केवल आधुनिकता और भोतिकवादी का जीवन हो गया है जिसमें ना तो गांव की तरह मेल मिलाप ना ही गांव की तरह शांति और सौहार्द्र ओर ना ही गांव की तरह मिलजुलकर भाईचारा देखने को मिलता है आज अगर गांव में करोड़ों रुपए के सुन्दर एवं बहुमंजिला मकान खंडर की स्थिति में है ओर गांव में केवल बुजुर्गों का होना इन सब बातों से विधित है कि हमारे गांव का भविष्य और गांव की अखंडता ख़तरे में है आज अगर हम इस विषय पर गंभीरता से सोचें और समझे तो आज के भागमभाग की जिंदगी में ओर भविष्य की चिन्ता लिए हर मां बाप ओर युवा गांव से शहरों की ओर पलायन का प्रमुख कारण बनता जा रहा है आज जहां सरकार हर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और रोजगार खुलवाने में प्रयासरत है परन्तु अब भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में कई प्रयास नाकाफी है जिससे की गांव की दशा और दिशा बदल सके आज जहां लगभग सड़कों का पहुंचना सुखद अहसास हे तो वहीं शिक्षा,दूरसंचार और स्वास्थ्य भी ग्रामीण क्षेत्रों में घर द्वार मिलना शुरू हो रहा है आज जहां हम गांव से दूर जाकर अपने भाईचारे और संस्कृति को खोते जा रहे है वहीं एक दूसरे के वर्चस्व में होकर अंधे हम सुखमय और शान्ति भरा अपने जीवन को शहरों की भागमभाग की जिंदगी और संस्काररहित हमारा वृताव ओर बड़ों के प्रति आदर भाव और सम्मान ना देना उस बहुमूल्य ख्याति से विमुख होते जा रहे है आज सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अगर ग्रामीण स्तर पर गांव का पलायन रोकना है तो उनकी वास्तविक स्थिति और मूलभूत सुविधाओं को स्थापित ओर विभिन्न क्षेत्रों में एक सकारात्मक कदम उठाने होंगे ताकि हर गांव में अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य, सुविधाओं का लाभ मिल सके आज सबसे विकट समस्या है गांव में रोजगार का ना होना जिससे की हर युवा वर्ग शहरों की ओर रुकसत हो रहा है इन सभी पहलुओं और कारणों पर सरकार और समाज को सोचने की परम आवश्यकता है अन्यथा गांव से शहरों की ओर पलायन एक भविष्य में एक विकट समस्या सिद्ध होती जाएगी और हम सब बैबसी के आलम में होंगे जहां से हमें गांव में स्थापित होना और गांव का शान्ति भरा जीवन मिलना ओर जीना दुभर हो जाएगा…….. लेखक हेमराज राणा सिरमौर हिमाचल
AMH News
AMH News एक प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल है, जो ताजगी और सटीकता के साथ देश-विदेश की ताज़ा घटनाओं और मुद्दों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यह पोर्टल राजनीति, खेल, बॉलीवुड, समाज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित समाचारों का अद्यतन प्रसारण करता है।
You May Also Like
Posted in
हिमाचल
देव दिवाली कब है, जानें देवता इस दिन क्यों मनाते हैं दीपावली
Posted by
AMH News
Posted in
हिमाचल
पाँवटा साहिब मस्जिद से लेकर एसडीएम कार्यालय तक होगा रोड चौड़ा -असग़र अली
Posted by
AMH News
More From Author
Posted in
हिमाचल
पाँवटा साहिब मस्जिद से लेकर एसडीएम कार्यालय तक होगा रोड चौड़ा -असग़र अली
Posted by
AMH News