नाहन 26 अप्रैल – जिला सिरमौर के बाजारों में धूल व मक्खियों के सम्पर्क में आने वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। यह जानकारी जिला दण्डाधिकारी सिरमौर राम कुमार गौतम ने आज यहां महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत आदेश जारी करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि आगामी गर्मियों व बरसात के मौसम में जल जनित रोगों से होने वाली बीमारियां जैसे हैजा, दस्त, पेचिश व पेट संबंधी अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने बताया कि बाजार में अधिक पके, गले-सडे और कटे हुए फल व सब्जियां, जो धूल व मक्खियों के सम्पर्क में आए हो और ढ़के न हो, ऐसे खाद्य पदार्थाें की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अतिरिक्त, माँस, मछली, मिठाई, चाट, बिस्कुट, दुध, कोलड्रिन्क आदि पदार्थ, जो ढ़के न हो और धूल, मिट्टी व मक्खियों के सम्पर्क में आ रहे हो, उन पदार्थों को बचने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
उन्होंने बताया कि पानी से बनने वाली आईस केन्डीस व आईसक्रिम, जो जीवाणु विज्ञानी द्वारा प्रमाणित न हो, उन्हें बाजार में बेचने की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, बिना डिब्बा बंद बर्तन व गंदे पानी के इस्तेमाल और किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी ऐसी गतिविधि या अनधिकृत व्यवसाय जिससे आसपास के इलाके में महामारी फैलने की आशंका पैदा हो, उन सभी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहेगा।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जिला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वास्थ्य निरीक्षक, जिला आयुर्वेद अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी व निरीक्षक, नगर निगम व पंचायत के स्वच्छता निरीक्षक तथा जिला के सभी कार्यकारी मजिस्ट्रेट को किसी भी बाजार, दुकान, भवन व स्थान का निरीक्षण करने के लिए प्राधिकृत किया है जो इन सभी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सही न पाए जाने की स्थिति या आदेशों की अवहेलना होने पर सामान को जब्त करने, हटाने या नष्ट करने के लिए अधिकृत होंगे। उन्होंने बताया कि इन आदेशों का उल्लंघन करना आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडनीय होगा।
जिला दण्डाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिला के सभी जल स्रोत, बावड़ी, निजी व सरकारी पानी के स्टोरेज टैंकों को ब्लीचिंग पाउडर व क्लोरीन से शुद्ध किया जाए।
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