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विक्रमादित्य को पार्टी की लकीर न लांघने के आदेश

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दिल्ली में केसी वेणुगोपाल और शुक्ला की नसीहत

प्रतिभा बोलीं, कमेटी जो फैसला करेगी, वही होगा

*शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान पर सियासत गरमा गई है।*

शुक्रवार को दिल्ली में विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात की है। केसी वेणुगोपाल ने दो टूक शब्दों में उन्हें पार्टी की लकीर न लांघने के निर्देश दिए हैं। केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने उनके बयान का गलत मतलब निकालने की बात कही है। केसी वेणुगोपाल ने उन्हें साफ कहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े मोहब्बत की बात कर रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस का ही कोई मंत्री ऐसे बयान देता है, जो समाज को तोडऩे का काम करे, तो यह सहन नहीं होगा। गौरतलब है कि विक्रमादित्य सिंह ने शहरी विकास विभाग की बैठक के दौरान बाहरी राज्यों से आने वालों का पंजीकरण करने और पहचान पत्र देने की बात कही थी। विक्रमादित्य सिंह का यह बयान ठीक उस वक्त सामने आया, जब संजौली में मस्जिद विवाद चल रहा है और पड़ोसी राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।

उधर, हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने भी इस बारे में विक्रमादित्य सिंह को नसीहत दी है। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी उनके साथ थी। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा रेस्टोरेंट को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर कहा कि जो विवाद खड़ा हुआ, इसके पीछे ऐसी कोई गलत मंशा नहीं थी। अब एक कमेटी गठित की गई है। इसमें वरिष्ठ नेता हैं, जो फैसला लेंगे कि आगे क्या करना है। सभी से सलाह लेकर, सभी की सहमति लेकर हम आगे बढ़ेंगे और तभी फैसला लेंगे। उधर, विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पार्टी को लेकर चर्चा हुई कि संगठन को कैसे आगे बढ़ाया जाए और इसे कैसे मजबूत किया जाए। प्रदेश की जनता का हित सर्वोपरि है। इस संबंध में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करना सरकार का कर्तव्य है। सरकार ने इसके लिए कमेटी बनाई है। उसकी सिफारिशें भी ली जाएंगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि हिमाचल के हितों को आगे ले जाना उनकी जिम्मेदारी है। भोजनालयों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में सर्वदलीय कमेटी बनाई गई है। जो भी प्रदेश के हित में होगा, वह फैसला लिया जाएगा।