हिमाचल में टीबी के मरीजों के लिए सरकार का बड़ा कदम
पहले पांच जिलों, उसके बाद पूरे प्रदेश में मिलेगी सहूलियत
हिमाचल में टीबी के मरीजों का पता अब एक जांच में ही चल पाएगा। महज 30 सेकेंड में यह रिपोर्ट मिल जाएगी कि मरीज टीबी से ग्रसित है या नहीं।
इसके लिए राज्य सरकार अस्पतालों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस पोर्टेबल एक्स-रे मशीन उपलब्ध करवाने जा रही है। शुरुआत में पांच जिलों को इस सुविधा से जोड़े जाने की तैयारी है, जबकि भविष्य में अन्य जिलों में यह सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। एआई लैस पोर्टेबल एक्सरे मशीन की खासियत यह भी है कि इसे दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकेगा। यानी कोई मरीज बिस्तर से उठकर लैब तक नहीं जा सकता है या हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है, तो उसकी जांच मौके पर ही हो सकेगी। मशीन की खास बात यह है कि इसके लिए बिजली की जरूरत नहीं होगी। हालांकि राज्य सरकार इस सुविधा का लाभ बड़े पैमाने पर टीबी मरीजों को ही देने की तैयारी में है।
एआई एक्सरे मशीन से जांच के बाद टीबी की पुष्टि होगी। इसके बाद बलगम की जांच के साथ ही पीडि़त का उपचार शुरू हो पाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में इस सुविधा की शुरूआत का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने नवीनतम चिकित्सा उपकरणों के लिए एम्स दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। टीएमसी और आईजीएमसी शिमला में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है और डाक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कार्यप्रणाली में सुगमता लाने के लिए अस्पताल में अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीबी के मरीजों की सुविधा के लिए पिछले दो वर्षों में प्रारंभिक स्तर पर ही टीबी का पता लगाने के लिए राज्य में मॉलिक्यूलर परीक्षण सुविधाएं शुरू की गई हैं।
रेडिएशन का खतरा कम
एआई मशीन से एक्स-रे के बाद चिकित्सक को रोगी के शरीर में फैले संक्रमण और उसकी जगह का पता चल जाएगा। इस मशीन के जरिए होने वाले एक्स-रे की गुणवत्ता में भी सुधार होगा और जल्द रिपोर्ट मिलेगी। इससे रेडिएशन का खतरा भी नाममात्र है। मशीन की खासियत यह है कि इसकी सहायता से टीबी के मरीज को खोजने में सहायता मिलेगी और रिपोर्ट 30 सेकेंड में मिलेगी। दुर्घटना में घायल ऐसे मरीज, जो अस्पताल के एक्स-रे कक्ष तक नहीं पहुंच सकते हैं, उनका एक्स-रे बेड पर ही किया जा सकता है। एक्स-रे होते ही चिकित्सक तत्काल इलाज शुरू कर देंगे और रोगी की जान बचेगी।
बुजुर्गों को घर-द्वार मिलेगा उपचार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पांच जिलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस पोर्टेबल एक्स-रे मशीनें उपलब्ध होने के बाद इसका विस्तार शेष जिलों में भी किया जाएगा। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता रहती है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार वृद्धजनों के लिए घर-द्वार के निकट चिकित्सा जांच सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए नई योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। टीबी से ग्रसित मरीजों के लिए हिमाचल प्रदेश की अनुकूल जलवायु का खास महत्त्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। राज्य सरकार सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। इसमें विभिन्न श्रेणियों के 2700 पदों को भरने की भरी तैयारी है।